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बज्रेश्‍वरी देवी मंदिर में कई क्विंटल घी से मक्‍खन तैयार करने को वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के दायरे में लाने की तैयारी

श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में घृत पर्व पर तैयार होने वाले मक्खन को वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के दायरे में लाने की पैरवी वरिष्ठ पुजारी ने की है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 03:00 PM (IST)
बज्रेश्‍वरी देवी मंदिर में कई क्विंटल घी से मक्‍खन तैयार करने को वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के दायरे में लाने की तैयारी
बज्रेश्‍वरी देवी मंदिर में कई क्विंटल घी से मक्‍खन तैयार करने को वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के दायरे में लाने की तैयारी

कांगड़ा, रितेश ग्रोवर। श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में घृत पर्व पर तैयार होने वाले मक्खन को वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के दायरे में लाने की पैरवी वरिष्ठ पुजारी ने की है। पंडित रामप्रसाद का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट की बैठक में सहमति बनते ही वल्र्ड रिकॉर्ड के लिए दावा किया जाएगा। मंदिर में इस दफा 25 क्विंटल देसी घी से मक्खन तैयार किया गया है। मक्खन तैयार करने में मशीन का प्रयोग नहीं किया जाता है बल्कि देसी घी को 101 बार ठंडे पानी में धोकर तैयार किया जाता है। इसे एक सप्ताह में तैयार किया जाता है और इस कार्य को छह से 12 पुजारियों का दल करता है। कार्य के दौरान पुजारियों को परेशानियों से गुजरना पड़ता है।

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यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। कुछ साल पहले कुछ किलो ही मक्खन तैयार होता था लेकिन श्रद्धालुओं की भागीदारी बढऩे से अब क्विंटलों के हिसाब से देसी घी दान में आ रहा है। इस दफा 26 क्विंटल मक्खन तैयार किया गया है। बकौल राम प्रसाद, जिला मंडी के तत्तापानी में मकर संक्रांति पर एक ही बर्तन में 1995 किलो खिचड़ी बनाने का वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया गया।

लेकिन कांगड़ा मंदिर में यह एक अनोखी परंपरा है और मक्खन भी वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है। उन्होंने बताया ऐसा आयोजन कांगड़ा जिले में श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर व शिव मंदिर बैजनाथ में होता है। प्रदेश सरकार ने घृत पर्व को जिलास्तरीय आयोजन का दर्जा दे दिया है। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष मक्खन को वर्ल्‍ड रिकॉर्ड के लिए दावा करेंगे।

3000 श्रद्धालुओं ने लिया मक्खन रूपी प्रसाद

श्री बज्रेश्वरी मंदिर में घृत पर्व का समापन सोमवार सुबह मां की पिंडी से मक्खन उतारने के साथ ही गया। मंदिर प्रशासन ने मक्खन रूपी प्रसाद के लिए अलग काउंटर की व्यवस्था की है। 11 बजे के बाद इसे श्रद्धालुओं में बांटा गया। सायं पांच बजे तक करीब तीन हजार श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। वरिष्ठ पुजारी पंडित राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि सुबह मंदिर के कपाट खुलते ही सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए थे। मान्यता है कि इस प्रसाद चर्म रोगों से निजात मिलती है।


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