आत्मनिर्भर बनकर दूसरों के लिए भी कमाई का जरिया बनीं शी-हाट चलाने वाली महिलाएं, जानिए किस तरह चल रहा काम
Bag Pashog She Haat बाग पशोग पंचायत में बने शी-हाट की सदस्य स्वयं आत्मनिर्भर बन क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार मुहैया करवा रही हैं। स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब जिला के अन्य स्वयं समूहों की सदस्यों व किसान क्लबों के उत्पाद भी विक्रय कर रही हैं।
नाहन, राजन पुंडीर। नाहन-शिमला हाईवे पर जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल की बाग पशोग पंचायत में बने देश के पहले शी-हाट की सदस्य स्वयं आत्मनिर्भर बन क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार मुहैया करवा रही है। शी हाट में काम करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अब जिला के अन्य स्वयं समूहों की सदस्यों व किसान क्लबों के उत्पाद भी विक्रय कर रही हैं। यह शी हाट क्षेत्र की महिलाओं के लिए रोजगार का मुख्य साधन बन गया है। शी-हाट का संचालन स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक महिलाएं तीन शिफ्ट में शी हाट चलाती हैं।
करीब 70 लाख रुपये की लागत से सरकार ने आधारभूत ढांचा विकसित किया है। पर्यटकों की आमद पर इनकी कमाई निर्भर करती है। अब फिर से काेरोना संक्रमण के मामले बढ़ने से इनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। दरयार कांगर स्वयं सहायता समूह, टेर भराल समूह, बाग पशोग समूह की 24 महिलाएं इसे संचालित कर रही हैं। इसके अलावा पांवटा साहिब व नाहन के अन्य स्वयं सहायता समूह भी इनके साथ जुडकर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं।
प्रदेश के सभी जिलों में भी बनेगे शी-हाट
बाग पशोग शी हाट के सफल कार्यन्वयन के बाद अब हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में भी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शी-हाट बनाए जाएंगे। यह घोषण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में वार्षिक बजट पेश करते हुए की थी। उन्होंने कहा है कि महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने तथा विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सिरमौर जिला में शी-हाट के सफल होने के बाद अन्य जिलो में भी इस मॉडल को अपनाया जाएगा।
पारंपरिक सिरमौरी व्यंजन पर्यटकों को कर रहे आकर्षित
बाग पशोग में 70 लाख रुपये की लागत से निर्मित ‘शी हाट’ केंद्र का लोकार्पण मुख्मंत्री जयराम ठाकुर ने 17 दिसंबर 2020 को शिमला से वर्चुअली किया था। इस शी हाट में ग्रामीण हाट, स्थानीय दुकान, रेस्तरां, अतिथि कक्ष, कौशल विकास केंद्र और कूड़ा निष्पादन संयंत्र भी उपलब्ध है। यह परियोजना 24 महिलाओं के स्वयं सहायता समूह द्वारा चलाई जा रही है। यहां पर पारंपरिक सिरमौरी व्यंजन, प्राकृतिक, जैविक उत्पाद बेचकर महिलाएं स्वयं को स्वरोजगार के लिए सशक्त बना रही हैं। यहां आने वाले पर्यटकों व लोगों को पहाड़ी भोजन परोसने के साथ ही आगंतुकों के लिए होम स्टे की सुविधा भी उपलब्ध है। यह परियोजना पूरे देश में महिलाओं के लिए अनूठी पहल बनकर उभरी है।
आधुनिक सुविधाओं से लेस है शी हाट
बाग पशोग शी हाट को सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ बनाया गया है। यहां पर दो कमरों वाला अतिथि गृह, सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संग्रहण प्रणाली और अपशिष्ट कंपोस्टिंग, एक्यूप्रेशर ट्रैक और वायु शुद्ध करने वाले संयंत्र भी हैं। महिलाओं को अपने घरों से आने-जाने के लिए ई-वाहन की सुविधा भी उपलब्ध है। इसका उपयोग प्राकृतिक झरने के पानी लाने व बाजार से सामान लाने के लिए भी किया जाता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयूष काढ़ा बना रही महिलाएं
प्रदेश के लोगों को कोविड-19 से बचाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए शी-हाट में महिलाएं आयुष काढ़ा का भी तैयार कर रही हैं। साथ ही यहां पर महिलाएं चीड़ की पत्तियों से विभिन्न उत्पाद व मालझन के पत्तों से डुने व पत्तल भी तैयार कर रही हैं। यहां पर स्थानीय व जैविक फसल के कई उत्पाद बेचे जाते हैं। कोरोना से निपटने के लिए गत वर्ष स्वयं सहायत समूह की महिलाओं ने देश के कोरोना वारियर्स के लिए हजारों की सख्यां में पीपीई किट भी तैयार की थीं। जिला सिरमौर के उपायुक्त डॉ. आरके परुथी की नई पहल जहां महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। वही अब यह शी हाट देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभरा है।