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Atal Death Anniversary: प्रीणी निवासियों के लिए मुख‍िया और अभिभावक की तरह थे अटल, जानिए रोचक संस्‍मरण

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary अटल बिहारी वाजपयी देश के लिए प्रधानमंत्री थे लेकिन प्रीणी निवासियों के लिए वह एक मुखिया व अभिवावक की तरह रहे।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 11:27 AM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 11:35 AM (IST)
Atal Death Anniversary: प्रीणी निवासियों के लिए मुख‍िया और अभिभावक की तरह थे अटल, जानिए रोचक संस्‍मरण
Atal Death Anniversary: प्रीणी निवासियों के लिए मुख‍िया और अभिभावक की तरह थे अटल, जानिए रोचक संस्‍मरण

मनाली, जसवंत ठाकुर। अटल बिहारी वाजपयी देश के लिए प्रधानमंत्री थे, लेकिन प्रीणी निवासियों के लिए वह एक मुखिया व अभिवावक की तरह रहे। अटल का प्रीणी के ग्रामीणों ने गहरा नाता रहा है। प्रधानमंत्री अटल से मिलने को जहां बड़े से बड़े लोगों को अनुमति का इंतजार रहता था। वहीं प्रीणी के ग्रामीण घंटों अटल जी के साथ परिवार के सदस्‍य की तरह वार्तालाप करते थे। हिमाचल से लगाव व प्रीणी के ग्रामीणों के प्यार के कारण पूर्व प्रधानमंत्री ने कुल्लू के इस गांव को अपना घर बनाया। वह ज्यादातर समय यही पर ही रहना पसंद करते थे। यहां के सौंदर्य और बर्फ से लदी पहाड़ियों पर उन्होंने कविताएं भी लिखी हैं। शाइनिंग इंडिया अभियान असफल होने के बाद जब वाजपेयी मनाली के प्रीणी स्थित अपने घर आए, तो हमेशा की तरह स्कूली बच्चों से मिले।

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जब अटल ने कहा था कि तुम्हारे मामा की नौकरी चली गई

2003 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार बन गई। अटल जी उस साल राजनीतिक थकान मिटाने मनाली पहुंचे तो उनका प्रीणी स्कूल में आना हुआ। वाजपेयी ने 15 हजार रुपये ये कहते हुए दिए कि अभी इतने ही हैं, क्योंकि हाल ही तुम्हारे ‘मामा’ की नौकरी चली गई है। हालांकि अधिकतर बच्चों को उस समय यह समझ नहीं आया। लेकिन आज उस बात को याद कर सभी उनकी कमी महसूस कर रहे हैं।

यकीन नहीं हो रहा कि वो हमारे बीच नहीं

अटल जी के साथ अधिकतर समय बि‍ताने वाले प्रीणी गांव के कारदार लोत राम ने कहा आज उनकी दूसरी पुण्यतिथि मनाई जा रही है। लेकिन यकीन नहीं हो रहा कि वो हमारे बीच नहीं हैं। जब भी दिल्ली से खबर आती थी कि वह मनाली दौरे पर आ रहे हैं तो सभी ग्रामीण उनका बेसब्री से इंतजार करते थे। अटल जी की उपस्थिति में माहौल उत्सव सा बना रहता था। अटल जी हमारी यादों में हमेशा हमारे बीच रहेंगे।

आज भी याद हैं अटल का प्यार व दुलार

अटल के घर में घास लगाकर हरियाली लाने वाले ग्रामीण कुंदन का कहना है कि वह अटल जी की प्रेरणा से ग्राम पंचायत के प्रधान बने। घास लगाते समय प्रधानमंत्री अटल के हाथों मिला प्यार व दुलार आज भी याद है। उन्होंने कहा उस समय पुराने स्पेयर पार्ट को एकत्रित कर एक घड़ी बनाकर अटल जी को दी थी जो आज भी उनके घर में मौजूद है।

श्रद्धासुमन अर्पित कर भावुक हुए ग्रामीण

ग्राम पंचायत प्रधान शिव दयाल ठाकुर और पूर्व प्रधान ठाकुर दास ने युग पुरुष को श्रदासुमन अर्पित करते हुए कहा उनकी यादें आज भी प्रीणी गांव में ही हैं। उन्होंने बताया आज ग्रामीण उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर उन्‍हें याद कर रहे हैं। श्रद्धासुमन अर्पित कार्यक्रम में सांसद रामस्वरूप शर्मा सहित अन्‍य बुद्धिजीवी शामिल हुए।


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