आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी किया जाए घोषित
संवाद सहयोगी धर्मशाला आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग के समर्थन में
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग के समर्थन में भारतीय मजदूर संघ (भामसं) के बैनर तले आशा वर्कर्स संघ की जिला कांगड़ा इकाई ने उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।
भामसं के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन राणा ने बताया कि ज्ञापन में आशा वर्कर्स को 18 हजार रुपये प्रतिमाह न्यूनतम वेतन देने की मांग भी की है। कोरोना संकट में आशा वर्कर्स ने अन्य राज्यों से लौटे लोगों का आंकड़े की सही जानकारी देने में भूमिका अदा की है।
साथ ही मांगें उठाई हैं कि आशा वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत ईपीएफ एवं ईएसआइ योजनाएं लागू की जाएं और सेवानिवृत्ति पर पांच लाख का प्रावधान किया जाए। वहीं कोरोना के दौरान कार्यकर्ता की सेवा अवधि के दौरान मृत्यु व दिव्यांग होने की दशा में दुर्घटना बीमा योजना के तहत आश्रितों को एक मुश्त राशि 50 लाख की अनुग्रह प्रदान करने के साथ परिवार से संबंधित पात्र सदस्य को नियुक्त किया जाए। अनुभवी आशा कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। आयु की शर्त हटाते हुए योग्यतानुसार आशा कार्यकर्ता को पदोन्नति दी जाए। इसके अलावा प्रधानमंत्री मानधन पेंशन योजना के तहत 40 वर्ष से अधिक आयु वाली कार्यकर्ता को भी इस योजना का लाभ दिया जाए।
इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष देशराज पठानिया, संघ की जिला प्रधान सरला देवी, जिला महासचिव शशि लता, शाहपुर इकाई की प्रधान कल्पना रंधावा, नगरोटा बगवां इकाई की प्रधान मोनिका व अन्य मौजूद रहे।