हैदराबाद की कंपनी को दिया जाएगा मक्का व राई घास का बीज
संवाद सहयोगी पालमपुर चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित मक्का पाल
संवाद सहयोगी, पालमपुर : चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने विकसित मक्का पालम संकर मक्का-2 तथा राई घास हिम पालम राई ग्रास के बीजों की वृद्धि के लिए कृषि विश्वविद्यालय और मैसर्ज नुटरांटा सीड प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन हुई। कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने निजी क्षेत्र के सहयोग लेने के लिए विज्ञानी डॉ. सतीश कुमार गुलेरिया, डॉ. विनोद कुमार सूद, डॉ. नवीन कुमार और डॉ. अखिलेश शर्मा और उनकी टीम की सराहना की है।
पालम संकर मक्का-2 एक मध्यम परिपक्वता वाली मक्का की अधिक उपज देने वाली क्रॉस हाइब्रिड किस्म है जो हिमाचल प्रदेश के निम्न और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त है। इन संकर किस्मों के दानों का रंग पीला नारंगी होता है। हाइब्रिड को नर व मादा क्रास से विकसित किया गया है। मोटे तने के साथ यह मध्यम ऊंचाई वाली रोग प्रतिरोधी हाइब्रिड किस्म है। हिम पालम राई घास-1, राई घास की ऐसी किस्म है जो हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर इत्यादि राज्यों में रबी मौसम के समय खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त है।
समझौते के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष कंपनी को राई घास तथा मक्का हाइब्रिड के ब्रीडर सीड की इनब्रेड लाइनों को गुणांकन के लिए सप्लाई किया जाएगा और कंपनी द्वारा अपने संसाधनों का उपयोग करके बीजों का गुणांकन किया जाएगा। इन्हीं बीजों की आगे किसानों तक आपूर्ति की जाएगी। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य उन्नत किस्मों के गुणवत्तापूर्ण बीजों की किसानों को उपलब्धता बढ़ाना है।
मटर की किस्म हिम पालम मटर-1 के बीज गुणन के लिए विश्वविद्यालय तथा दुर्गा सीडज फार्म, मंडी के बीच एक अन्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य बीज गुणन का लाइसेंस प्रदान करना है ताकि काफी हद तक गुणवत्ता पूर्ण बीज कृषक समुदाय तक पहुंच सकें।