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कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा में लोगों को पोषण के प्रति किया जागरूक

कुपोषण भारत के लिए एक बडी गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए इस वक्त पूरे देश में पोषण महाअभियान मनाया जा रहा है। इसी शृंखला में इस वर्ष यह अभियान पौधारोपण एवं पोषण वाटिका के रूप में मनाया जा रहा है।

By Richa RanaEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 11:19 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 11:19 AM (IST)
कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा में लोगों को पोषण के प्रति किया जागरूक
कुपोषण को मिटाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कांगडा द्वारा जन समुदाय को जागरूक किया जा रहा है।

कांगड़ा, संवाद सहयोगी। कुपोषण भारत के लिए एक बडी गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए इस वक्त पूरे देश में पोषण महाअभियान मनाया जा रहा है। इसी शृंखला में इस वर्ष यह अभियान पौधारोपण एवं पोषण वाटिका के रूप में मनाया जा रहा है। एक से 30 सितंबर तक चलने वाले इस अभियान के तहत दे़श से कुपोषण को मिटाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र कांगडा द्वारा जन समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। इस मौके पर प्रधान ग्राम पंचायत कोहाला बलवंत राय ने बतौर मुख्यअतिथि शिरकत की।

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उन्होंने कहा कि हर किसी व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए संतुलित आहार और स्वच्छ वातावरण की आवश्यकता होती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा अपने आहार में स्थानीय अनाज और फल सब्जी लेनी चाहिए और पोषण वाटिका इसका एक बहुत अच्छा माध्यम है। केंद्र प्रभारी डा. संजय शर्मा ने बताया कि न्यूट्री गार्डन से बेहतर तरीके से सब्ज़ी की खेती कर कुपोषण से केंद्र, परिवार व समाज को बचाया जा सकता है। डा. नीतू शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य की जानकारी देते हुए कहा कि इस महाअभियान का मुख्य उद्देश्य न्यूट्री गार्डन अथवा पोषण वाटिका को बढावा देने के लिए पौधरोपण अभियान है।

उन्होंने कुपोषण से बचने के लिए स्थानीय संसाधनों के प्रयोग व पोषण संवेदन थाली के बारे में अवगत करवाया। डा. दीप कुमार ने प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों मे भी बने रहने वाली मोटे अनाज फसलों के महत्व बारे जानकारी दी। इफ्को के क्षेत्रीय अधिकारी श्रेय सूद एवं माशूक अहमद ने इफ्को के कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा संचालित डिजीटल कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष्य मे पोषक अनाज हितधारकों का सम्मेलन पौधारोपण एवं पोषण वाटिका की पहल का शुभारंभ का सीधा प्रसारण किया गया।

इस कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि आए हुए किसानों एवं कन्याओं को मोटा अनाज आधारित खाद्य पदार्थ परोसे गए। पोषक अनाज आधारित उत्पादों से संतुलित पोषण और बेहतर स्वास्थय के लिए जागरूकता पैदा करने में कृषि विज्ञान केंद्र कांगडा अहम भूमिका निभा रहा है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है।

विभिन प्रदर्शनों के माध्यम से पोषक अनाज को बढावा दे रहा है। 17 सितंबर को 100 किसानों एवं कन्याओं को कृषि विज्ञान केंद्र कांगडा द्वारा इफको की सहभागिता से वेजिटेबल बीज किट, सहजन के पौधे व फूल गोभी की पनीरी वितरित की गई।

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