सड़कों पर फिर हो सकती है सख्ती, राज्य पुलिस मुख्यालय ने जिलों से फोर्स नहीं बुलाई है वापस
Police on Road सड़कों पर पुलिस की मूवमेंट फिर बढ़ सकती है। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अभी तक राज्य पुलिस मुख्यालय ने जिलों से फोर्स (पुलिस बल) वापस नहीं बुलाया है।
शिमला, जेएनएन। सड़कों पर पुलिस की मूवमेंट फिर बढ़ सकती है। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अभी तक राज्य पुलिस मुख्यालय ने जिलों से फोर्स (पुलिस बल) वापस नहीं बुलाया है। पुलिस बल की कभी भी दोबारा तैनाती की जरूरत पड़ सकती है। अभी पॉजिटिव केस बढऩे बंद नहीं हुए तो कफ्र्यू जैसे हालत निर्मित होंगे।
प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन दोबारा लगाने के संबंध में जनता के पहले ही सुझाव मांग लिए हैं। जनता की राय लॉकडाउन के पक्ष में है।
सरकार की इस कसरत से लोग मन बना चुके हैं। अब कभी भी लॉकडाउन और कफ्र्यू लग सकता है। मार्च के अंत में लॉकडाउन से राज्य पुलिस ने प्रदेशभर में पंद्रह हजार पुलिस जवान कोविड- 19 रोकथाम की ड्यूटी में तैनात की थी। लेकिन, जैसे ही लॉकडाउन हटा पुलिस की मूवमेंट सड़कों पर कम हो गई। पुलिस कर्मियों को वापस थानों, चौकियों या बटालियनों में लगाया गया।
गृहरक्षक भी तैनात
तीन हजार से अधिक गृह रक्षक भी जिलों में पहले की तरह तैनात हैं। ये पुलिस के साथ गश्त, दुकानें समय पर बंद हों, बाजार में मास्क न पहनने वालों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
बटालियनों में चुनिंदा कर्मी
लॉकडाउन के दौरान बटालियनों में गिने- चुने पुलिस कर्मी ही रह गए थे। अन्य को कफ्र्यू ड्यूटी पर भेजा गया था। थानों और चौकियों का रूटिन का कार्य भी प्रभावित हुआ। हालात सामान्य होने के बाद आपराधिक मामलों की जांच शुरू हुई। लेकिन अब ये दोबारा प्रभावित हो सकती है।
जिलों से फोर्स नहीं बुलाई है। बटालियनों में सौ से भी कम फोर्स है। अधिकांश जिलों के पास है। लॉकडाउन-वन में जैसी तैनाती के लिए फोर्स भेजी गई थी, वैसे ही आज भी है। इसलिए अगर सरकार से दोबारा लॉकडाउन के आदेश आते हैं तो पुलिस पहले से ही तैयार है। -डॉ. खुशहाल शर्मा, एसपी कानून व्यवस्था एवं प्रवक्ता, पुलिस विभाग।