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बल्‍ह में शहरी निकायों के बाद अब जिला परिषद चुनाव में भी भाजपा की हार, जेपी नड्डा की भानजी जीतीं

Zila Parishad Chunav बल्ह हलके में भाजपा की गिरती साख ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। ग्रामीण संसद व शहरी निकाय के चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की गाज आने वाले दिनों में कई पदाधिकारियों पर गिर सकती है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 03:12 PM (IST)
बल्‍ह में शहरी निकायों के बाद अब जिला परिषद चुनाव में भी भाजपा की हार, जेपी नड्डा की भानजी जीतीं
बल्ह हलके में भाजपा की गिरती साख ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है।

मंडी, जागरण संवाददाता। Zila Parishad Chunav, बल्ह हलके में भाजपा की गिरती साख ने पार्टी नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। ग्रामीण संसद व शहरी निकाय के चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की गाज आने वाले दिनों में कई पदाधिकारियों पर गिर सकती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इस बात को गंभीरता से लिया है। शहरी निकायों के बाद जिला परिषद चुनाव में भाजपा की फजीहत हुई है। भाजपा तीन में से एक सीट पर ही जीत पाई है। पार्टी की सबसे बड़ी दुर्गति जिला परिषद की भड़याल वार्ड में हुई है। भड़याल विधायक इंद्र सिंह गांधी, मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा व निवर्तमान जिला परिषद अध्यक्ष सरला ठाकुर का गृह वार्ड है। भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष अधिवक्ता पाल वर्मा की दावेदारी को दरकिनार कर यहां अपने चहेते की पैरवी करना विधायक इंद्र सिंह गांधी को भारी पड़ा।

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अपने बड़बोलेपन के लिए जाने वाले इंद्र सिंह गांधी व यहां से भाजपा के समर्थित प्रत्याशी अनिल सैनी ने 10,000 से अधिक मतों से जीत होने का दावा जताया था, मगर गाड़ी 4600 मतों से आगे नहीं बढ़ पाई और तीसरे स्थान पर अटक गए। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्त्ताओं ने खुलकर पाल वर्मा का काम कर उनकी जीत सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई। बैहल वार्ड से पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय रावत की पत्नी अंजना रावत को मैदान में उतारा गया था। वह बल्ह ब्लॉक पंचायत समिति की निवर्तमान अध्यक्ष है। इंद्र सिंह गांधी ने खुद उनके प्रचार की कमान संभाल रखी थी, मगर पहली बार मैदान में उतरी मनीषा ठाकुर के हाथों गच्चा खा गए।

लोअर रिवालसर वार्ड से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की भानजी मैदान में थी। पहले तो उनका नाम प्रदेश नेतृत्व को नहीं भेजा गया। बाद में यहां कौशल्या को मैदान में उतार दिया गया। प्रियंता शर्मा अकेले मैदान में डटी रही और जीत हासिल कर पार्टी की लाज बचाने में सफल रही। नगर परिषद नेरचौक व नगर पंचायत रिवासलर के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन शर्मनाक रहा। नेरचौक में पर्ची से पार्टी की नाक बची, अन्यथा यहां भी फजीहत तय थी।


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