डेजर्ट टिड्डी को नियंत्रित करने के लिए बने संयुक्त टीम
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में शनिवार को डेजर्ट टिड्डी के नियंत्रण पर एक जागरूकता कार्यक्रम के तहत वेबिनार का आयोजन हुआ। इसमें डॉ. वाईएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविदर कौशल ने
संवाद सहयोगी, पालमपुर : कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में शनिवार को डेजर्ट टिड्डी के नियंत्रण पर जागरूकता वेबिनार हुआ। वेबिनार में डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविदर कौशल ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने डेजर्ट टिड्डी के नियंत्रण में कृषि विवि के सक्रिय दृष्टिकोण और पहल को सराहा। साथ ही जिलास्तर पर जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने के लिए प्रदेश कृषि विभाग, बागवानी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्रों की संयुक्त टीम बनाने की वकालत की। उन्होंने जरूरत पड़ने पर टिड्डी को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रासायनिक और छिड़काव यंत्रों की व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया।
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरियाल ने कहा कि पिछले सप्ताह ही सरकार ने कृषि विश्वविद्यालय सहित अंतर विभागीय टीम का गठन कर प्रदेश में टिड्डी दल के आक्रमण और फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पर नजर रखने और किसानों को जागरूक करने का कार्यक्रम बनाया था। अंतर विभागीय टीमें किसानों को डेजर्ट टिड्डे के खतरे और फसलों की सुरक्षा के तरीकों पर जागरूक करेंगी। उन्होंने प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्रों से सीमावर्ती जिलों ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर आदि के किसानों के बीच जागरूकता पैदा करके टिड्डियों की आवाजाही पर कड़ी नजर रखने का आह्वान किया। शोध निदेशक डॉ. डीके वत्स ने कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों तथा राज्य कृषि व बागवानी विभाग के 70 अधिकारियों व वैज्ञानिकों सहित प्रगतिशील किसानों ने वेबिनार में भाग लिया। कीट विज्ञान विभाग के प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. आरएस चंदेल ने टिड्डयों के नियंत्रण पर एक शोध पत्र भी प्रस्तुत किया। अनुसंधान निदेशक डॉ. डीके वत्स ने बताया कि कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों और प्रदेश कृषि व बागवानी विभागों के लगभग 70 अधिकारियों और वैज्ञानिकों सहित प्रगतिशील किसानों ने वेबिनार में भाग लिया।