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ज्वालामुखी मंदिर में बने फ्लाइओवर को प्रशासन ने किया रिजेक्ट, लोक निर्माण विभाग को नया डिजाइन बनाने के दिए आदेश

विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर परिसर में परिक्रमा मार्ग को सीधा बनाने के लिए बनाए गए लोहे के फ्लाइओवर को जिलाधीश कांगड़ा ने रिजेक्ट कर दिया है। उनको कई लोगों की शिकायतें मिली थी कि मंदिर के अंदर यह जो फ्लाइओवर बना है।

By Richa RanaEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 08:13 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 08:13 AM (IST)
ज्वालामुखी मंदिर में बने फ्लाइओवर को प्रशासन ने किया रिजेक्ट, लोक निर्माण विभाग को नया डिजाइन बनाने के दिए आदेश
ज्वालामुखी मंदिर परिसर में फ्लाइओवर को जिलाधीश कांगड़ा ने रिजेक्ट कर दिया है।

ज्वालामुखी, संवाद सहयोगी। विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर परिसर में परिक्रमा मार्ग को सीधा बनाने के लिए बनाए गए लोहे के फ्लाइओवर को जिलाधीश कांगड़ा ने रिजेक्ट कर दिया है। उनको कई लोगों की शिकायतें मिली थी कि मंदिर के अंदर यह जो फ्लाइओवर बना है यह किसी भी लिहाज से सही नहीं है। इस फ्लाइओवर को हटाकर नए सिरे से फ्लाइओवर बनाया जाए। जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या ना हो और मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को सीधी परिक्रमा में जाने का अवसर मिल सके।

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ज्वालामुखी मंदिर के पुजारी वर्ग ने मंदिर न्यास ज्वालामुखी के समक्ष यह बात रखी थी कि ज्वालामुखी मंदिर में दर्शन करने के उपरांत यात्रियों को उल्टी परिक्रमा करनी पड़ती है जो कि सही बात नहीं है यात्रियों को यदि एक छोटा सा लोहे का फ्लाइओवर मंदिर परिसर में बना दिया जाए तो परिक्रमा भी सीधी हो जाएगी और यात्रियों को सैया भवन तारा देवी मंदिर व अन्य छोटे छोटे मंदिरों में जाने के लिए सुविधा मिलेगी। उन्हें उल्टी परिक्रमा नहीं करनी पड़ेगी। जिससे मंदिर के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी और यात्रियों को सुविधा मिलेगी मंदिर न्यास ज्वालामुखी ने लगभग 10 लाख का प्रोजेक्ट जिलाधीश कांगड़ा से स्वीकृत करवाया है। लोक निर्माण विभाग के माध्यम से इस छोटे से लोहे के फ्लाईओवर का काम लॉकडाउन में शुरू हुआ क्योंकि लॉकडाउन के दौरान मंदिर में किसी का भी प्रवेश संभव नहीं था।

मंदिर के अंदर प्रवेश पूरी तरह से वर्जित किया गया था, इसलिए सिर्फ ठेकेदार और उसके आदमी ही इस लोहे के फ्लाई ओवर को बनाने में लगे रहे। मंदिर के तकनीकी विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के बीच सामंजस्य ना बैठ पाने के कारण हुई लापरवाही का नतीजा है कि मंदिर न्यास ज्वालामुखी का लगभग 10 लाख रुपये आज बर्बादी की कगार पर खड़ा हो गया है।

यह बोले उपायुक्त डा. निपुण जिंदल

जिलाधीश कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस लोहे के फ्लाइओवर को फिलहाल रिजेक्ट किया जाए और उसके स्थान पर नए सिरे से लोहे का छोटा से छोटा फ्लाईओवर मंदिर में बनाया जाए ताकि परिक्रमा सीधी हो सके और मंदिर का क्षेत्र प्रभावित ना हो कम से कम जगह का इस्तेमाल हो ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की रुकावट आने जाने में पैदा ना हो सके।

यह बोले अधिशाषी अभियंता

लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता देहरा दिनेश कुमार ने जिलाधीश कांगड़ा को शीघ्र ही नया प्रारूप बनाकर भेजने के लिए हामी भरी है और अब मंदिर परिसर के अंदर नए सिरे से नए डिजाइन का लोहे का फ्लाइओवर बनेगा। जिससे परिक्रमा भी सीधी हो जाएगी और मंदिर का कम से कम क्षेत्र इसमें इस्तेमाल किया जाएगा ताकि किसी प्रकार की समस्या ना हो मंदिर के अधिकारियों पुजारियों कर्मचारियों शहर के लोगों व यात्रियों को इसके बनने से किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं होना चाहिए।

यह बोले एसडीएम

एसडीएम ज्वालामुखी धनवीर ठाकुर ने बताया के जिलाधीश कांगड़ा ने इस संदर्भ में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं और शीघ्र ही इस में आमूलचूल परिवर्तन करके नए डिजाइन का लोहे का फ्लाइओवर बनाया जाएगा।


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