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पटवारियों के इम्तिहान में प्रशासन फेल, उरला और एरला के फेर में फंसे युवा, यहां होता रहा हंगामा

महीनों की तैयारी के बाद जब इम्तिहान देने पहुंचे तो प्रशासनिक अव्यवस्था से भड़के युवाओं ने विवाद कर दिया।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 09:36 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 09:36 AM (IST)
पटवारियों के इम्तिहान में प्रशासन फेल, उरला और एरला के फेर में फंसे युवा, यहां होता रहा हंगामा
पटवारियों के इम्तिहान में प्रशासन फेल, उरला और एरला के फेर में फंसे युवा, यहां होता रहा हंगामा

धर्मशाला, जेएनएन। महीनों की तैयारी के बाद जब इम्तिहान देने पहुंचे तो प्रशासनिक अव्यवस्था से भड़के युवाओं ने विवाद कर दिया। विवाद भी ऐसा कि परीक्षा केंद्र धीरा में बुलाए गए अभ्यर्थियों में से 20 फीसद भी परीक्षा नहीं दे पाए और जिन्होंने आनन-फानन में दी भी, वे विवाद के शोर में तनावपूर्ण हो गए थे। पटवारी भर्ती लिखित परीक्षा में अव्यवस्था का आलम यह रहा कि प्रशासन के कर्मचारी केंद्र का सही नाम तक एडमिट कार्ड में नहीं लिख पाए।

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प्रशासन अपनों से हुई गलती को सुधारने की बजाए मानवीय चूक का हवाला देते हुए भड़के युवाओं पर एफआइआर दर्ज करवाने की तैयारी में है। धीरा के जिस एशियन पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र में विवाद हुआ वहां कहीं न कहीं तैनात कर्मचारियों की ही गलती थी। रविवार को 11 बजे जैसे ही प्रश्नपत्र आवंटित करने के आदेश हुए तो केंद्र में तैनात एक कर्मचारी ने गलत तरीके से ही प्रश्नपत्र आवंटित कर दिए। जब पता चला कि सीरीज आगे पीछे हो गई है और उसे गलती का अहसास हुआ तो सारे प्रश्नपत्र वापस ले लिए। फिर दोबारा प्रश्नपत्रों का बंटवारा शुरू तो आधे घंटे तक यह पूरा नहीं हो पाया। 90 मिनट के पेपर के लिए आधा घंटा बीत चुका था और हाथों में आंसरशीट के अलावा कुछ नहीं था।

ऐरला और अरला में है उपमंडल का अंतर

परीक्षा केंद्र उपमंडल नगरोटा बगवां की तहसील बाबा बड़ोह के ऐरला क्षेत्र में बनाया गया था, लेकिन अभ्यर्थियों के कॉल लैटर पर ऐरला के स्थान पर अरला लिख दिया था। दो स्थानों के बीच कम से कम दो घंटे की दूरी है।

जंडोर में भी करना पड़ा परेशानियों का सामना

डाडासीबा के जंडोर केंद्र में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को भी सेंटर ढूंढने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। अभ्यर्थियों का कहना है कि कॉल लैटर में सिर्फ जंडोर स्कूल ही लिखा था जबकि परीक्षा केंद्र का नाम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जंडोर था। ऐसे में उन्हें स्कूल ढूंढऩे में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

धीरा केंद्र में जैसे ही अभ्यर्थी नारेबाजी करने लगे तो कई युवाओं ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में युवाओं का आरोप है कि केंद्र में तैनात कर्मचारियों ने अपने लोगों को पहले प्रश्नपत्र आवंटित कर दिए और उन्हें फोन के माध्यम से पेपर करने का मौका दिया जा रहा था।

नूरपुर में 4394 ने दी परीक्षा

नूरपुर उपमंडल में 4394 युवाओं ने परीक्षा दी। नूरपुर में 18 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भडवार केंद्र में 167, लदौड़ी स्कूल में 265, सदवां स्कूल में 262, सुल्याली स्कूल में 270, जाच्छ स्कूल में 167, जसूर स्कूल में 182, नूरपुर ( छात्र)  स्कूल में 173, नूरपुर ( लड़कियों)  के स्कूल में 227, जौंटा स्कूल में 170, ग्योरा स्कूल में 170, गनोह स्कूल में 178, बरंडा़ स्कूल में 430, नूरपुर पब्लिक स्कूल में 356, डीएवी स्कूल बाघनी में 264, आदर्श पब्लिक स्कूल में 178, एसएससी स्कूल में 264, नूरपुर कॉलेज में 457 व आइटीआइ नूरपुर में 255 युवाओं ने परीक्षा दी।

अभ्यर्थियों की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी। इस प्रकरण की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। -संजीव कुमार, एसडीएम, धीरा।

परीक्षा केंद्र में नाम गलत छापने की जा बात है तो इसे मानवीय चूक ही कह सकते हैं। मामले की जांच की जाएगी। -पंकज शर्मा, एसडीएम, पालमपुर


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