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हादसा या हत्या, सीबीआइ जांच से चलेगा पता

सोलन के वाकनाघाट क्षेत्र के प्रवीण शर्मा की मौत की गुत्थी जल्द सुलझेगी। मौत हादसे की वजह से हुई थी या किसी ने हत्या की थी इसका पता अब सीबीआइ जांच से चल सकेगा। केंद्रीय एजेंसी जल्द ही इस संंबंध में सिरमौर पुलिस से दस्तावेज कब्जे में लेगी।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 11:55 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 11:55 PM (IST)
हादसा या हत्या, सीबीआइ जांच से चलेगा पता
हादसा या हत्या, सीबीआइ जांच से चलेगा पता। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। सोलन के वाकनाघाट क्षेत्र के प्रवीण शर्मा की मौत की गुत्थी जल्द सुलझेगी। मौत हादसे की वजह से हुई थी या किसी ने हत्या की थी, इसका पता अब सीबीआइ जांच से चल सकेगा। केंद्रीय एजेंसी जल्द ही इस संंबंध में सिरमौर पुलिस से दस्तावेज कब्जे में लेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ जांच का आदेश दिया हैं। उधर, सिरमौर पुलिस का दावा है कि मौत हत्या के कारण नहीं बल्कि हादसे से हुई थी। राजगढ़ के उप मंडल पुलिस उपाधीक्षक भीष्म ठाकुर के अनुसार पेशे से चालक प्रवीण की मौत गिरने के कारण हुई थी। पहाड़ी से गिरने पर छाती पर चोटें आई थीं। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई थी। पुलिस का दावा है कि जांच में पाया कि जून माह में युवक सनौरा के पास पहाड़ी से गिरकर नाले में जा पहुंचा। इससे उसे छाती में चोटें आईं। बाद में राजगढ़ अस्पताल में डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

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क्या है मामला

हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वह पुलिस अधीक्षक के माध्यम से मामले से संबंधित तमाम रिकार्ड तुरंत सीबीआइ को सौंपे।

किसने दर्ज की थी याचिका

याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार नौ जून, 2020 को प्रार्थी का पति प्रवीण शर्मा सनौरा के समीप कुंडू नाले में अचेत अवस्था में मिला था, जिसे बाद में राजगढ़ अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। प्रार्थी के अनुसार उसने पुलिस से इस मामले की गहनता से जांच करने का आग्रह किया था। लेेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की।

सवालों के घेरे में पुलिस

प्रार्थी ने थाना प्रभारी राजगढ़ व पुलिस अधीक्षक सिरमौर को कई बार पत्र लिखकर इस मामले पर कार्रवाई करने का आग्रह किया था परंतु पुलिस ने इसमें कोई भी कार्रवाई नहीं की। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया था कि पुलिस ने इस मामले में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी।

पुलिस अधिकारियों की भी होगी जांच

कोर्ट ने प्रधान सचिव गृह को यह आदेश दिए कि वह इस मामले से जुड़े संबंधित पुलिस अधीक्षक सिरमौर , डीएसपी राजगढ़, थाना प्रभारी राजगढ़ एवं प्रभारी पुलिस चौकी यशवंतनगर के खिलाफ जांच करवाएं। जांच महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी से करवाई जाए। हाईकोर्ट ने मामले की जांच 31 दिसंबर तक पूरी करने के आदेश जारी किए हैं। जांच पूरी करने के पश्चात अनुपालना रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष पांच जनवरी, 2022 तक दाखिल करने के आदेश जारी किए गए हैं।


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