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स्‍थायी कैंपस नहीं तो कक्षाएं भी नहीं, विद्यार्थियों ने सीयू में जड़ा ताला; 11 साल से उधार के भवन चल रही यूनिवर्सिटी

11 साल बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय को स्थायी कैंपस न मिलने पर एबीवीपी ने केंद्र व प्रदेश सरकार समेत सीयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:20 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 03:54 PM (IST)
स्‍थायी कैंपस नहीं तो कक्षाएं भी नहीं, विद्यार्थियों ने सीयू में जड़ा ताला; 11 साल से उधार के भवन चल रही यूनिवर्सिटी
स्‍थायी कैंपस नहीं तो कक्षाएं भी नहीं, विद्यार्थियों ने सीयू में जड़ा ताला; 11 साल से उधार के भवन चल रही यूनिवर्सिटी

धर्मशाला, जेएनएन। 11 साल बाद भी केंद्रीय विश्वविद्यालय को स्थायी कैंपस न मिलने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने केंद्र व प्रदेश सरकार समेत सीयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को धर्मशाला, देहरा व शाहपुर स्थित सीयू कैंपसों में कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। विद्यार्थियों ने कैंपस में ताला जड़ दिया व खुद बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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एबीवीपी कार्यकर्ताओं की ओर से 18 से 20 फरवरी तक पर्चा वितरण, 24 फरवरी को कुलपति का घेराव, 25 व 26 फरवरी को जनप्रतिनिधियों का घेराव किया जाएगा। यदि चार मार्च तक स्थायी कैंपस निर्माण की स्थिति साफ न हुई और अस्थायी कैंपसों में सुविधाएं न मिली तो चलो धर्मशाला के तहत जिलास्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा।

धर्मशाला में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए एबीवीपी के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने कहा कि सीयू पर केवल वोट बैंक की ही राजनीति हुई है। इस पर किसी सरकार ने काम नहीं किया है। यही वजह है कि आज सीयू को स्थायी कैंपस नहीं मिल पाया है। मौजूदा समय में धर्मशाला, शाहपुर व देहरा में सीयू के कैंपस सीयू चल रहे हैं, लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है। इस कारण मजबूरन एबीवीपी को आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सीयू कैंपस के निर्माण पर कोई स्थिति साफ नहीं की जा रही है। आठ माह पहले केंद्रीय मंत्री ने शिलान्यास तो कर दिए, लेकिन उसके बाद कोई नहीं जानता कि सीयू का स्टेट्स क्या है?

हालांकि मौजूदा समय में सीयू में शोध होने चाहिए थे, लेकिन स्थिति इतनी दूभर है कि यहां बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। शाहपुर कैंपस में पीने के पानी तक की सुविधा नहीं है। यहां 700 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। साइंस विषय के लिए लैब उपकरण होने चाहिए, लेकिन इनके अभाव शोध कैसे होगा। धर्मशाला कैंपस में लाइब्रेरी है लेकिन पुस्तकें नहीं हैं और न ही बैठने की व्यवस्था। यही हाल देहरा कैंपस का है जहां फर्नीचर तक की व्यवस्था नहीं है। यहां हॉस्टल सुविधा न होने से विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। इस मौके पर जिला संयोजक अभिषेक व अन्य मौजूद रहे।


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