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मंडी न्‍यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को सुनाया 30 साल का कठोर कारावास

अनुसूचित जाति की पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म करने के दो दोषियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी के विशेष न्यायालय ने 30 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोनों दोषियों पर तीन तीन लाख रुपये जुर्माना लगाया है।

By JagranEdited By: Richa RanaPublished: Thu, 29 Sep 2022 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 08:01 PM (IST)
मंडी न्‍यायालय ने सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को सुनाया 30 साल का कठोर कारावास
अनुसूचित जाति की पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म करने के दो दोषियों को 30 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

मंडी, जागरण संवाददाता। अनुसूचित जाति की पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म करने के दो दोषियों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी के विशेष न्यायालय ने 30-30 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोनों दोषियों पर तीन तीन लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना राशि न भरने पर दोनों को तीन तीन साल के अतिरिक्त कठोर साधारण की सजा काटनी होगी। अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष 20 गवाहों के बयान कलमबद्ध कर दोषियों पर अपराध सिद्ध किया। बकौल जिला न्यायवादी मंडी कुलभूषण गौतम, एक जून 2017 को पीड़िता के चाचा ने पीड़िता और कुछ अन्य लोगों के साथ थाना औट में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसकी भतीजी पीड़िता के साथ दो लड़कों चार्ली और जोनी ने दुष्कर्म किया है।

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चार्ली और जौनी को गांव की कुछ महिलाओं ने कमरे में बंद करके रखा है। पुलिस की मौजूदगी में दोनों को कमरे से बाहर निकला गया था। शिकायत के आधार पर थाना औट में दोनों दोषियों के विरुद्ध अभियोग दर्ज किया गया था। मामले की छानबीन उप निरीक्षक लाल सिंह ने अमल में लाई थी। जांच पूरी होने पर थानाधिकारी औट ने मामले का चालान न्यायालय में दायर किया था। सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक कुलभूषण गौतम ने की थी।

अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने दोनों दोषियों को दुष्कर्म के अपराध में 30-30 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 3 - 3 लाख रुपये जुर्माने की सजा, अनुसूचित जाति / जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम में दो वर्ष के साधारण कारावास व 20-20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्मना न अदा करने पर 2-2माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। यदि दोषी जुर्माना अदा कर देते हैं तो जुर्माने की राशि को पीड़िता को मुआवजे के रूप में प्रदान किया जाएगा।


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