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13 अध्यापक एक साल तक प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे

13 अध्यापक एक साल तक बोर्ड परीक्षाओं की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे। उत्तरपुस्तिकाओं की री-चेकिंग के समय मूल्यांकन पर अंकों में 10 प्रतिशत से अधिक भिन्नता पाए जाने पर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने यह कार्रवाई की है।

By Richa RanaEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 09:27 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 09:27 AM (IST)
13 अध्यापक एक साल तक प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगे
13 अध्यापक एक साल तक प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे।
धर्मशाला, जेएनएन। 13 अध्यापक एक साल तक प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे। उत्तरपुस्तिकाओं की री-चेकिंग के समय मूल्यांकन पर अंकों में 10 प्रतिशत  से अधिक भिन्नता पाए जाने पर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने यह कार्रवाई की है। इसके अलावा उक्त 13 अध्यापकों को री-चेकिंग के बदले मिलने वाले मेहताना पर भी 10 प्रतिशत कटौती करने का निर्णय बोर्ड ने लिया है।
 
इस बारे जल्द ही अधिसूचना बोर्ड द्वारा जारी की जाएगी। बोर्ड ने उक्त 13 अध्यापकों के जबाव आने के उपरांत ही यह कार्रवाई की है। जानकारी के मुताबिक 13 अध्यापकों द्वारा उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन सही तरीके सही नहीं किया गया जिस कारण उत्तरपुस्तिकाओं की री-चेकिंग के समय मूल्यांकन पर अंकों में 10 प्रतिशत से अधिक भिन्नता पाई गई थी। भिन्नता पर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 13 शिक्षकों को डिवार कर दिया था तथा उनसे इस बारे लिखित में जबाव मांगा गया था। स्कूल शिक्षा बोर्ड के मुताबिक सभी 13 अध्यापकों का जबाव प्राप्त हो गया है लेकिन सुधार को देखते हुए एक साल तक उन अध्यापकों की पेपर चेकिंग संबंधी प्रक्रिया में सेवाएं नहीं ली जाएंगी।
 
वहीं स्कूल शिक्षा बोर्ड की असाईंमेंट संबंधी विभिन्न कार्यों में भी उनकी सेवाएं नहीं ली जाएंगी। भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न करने की हिदायत भी जारी की है। उल्लेखनीय है कि मामला आने के बाद उत्तरपुस्तिकाओं की री-चेकिंग के बदले जो मेहनताना उक्त अध्यापकों को दिया जाना था उसे रोक लिया था लेकिन अब बोर्ड ने उसमे 10 फीसदी ही कटौती की है। उत्तरपुस्तिकाओं की पुनर्मूल्यांकन/पुर्निरीक्षण के समय मूल्यांकन पर अंकों में 10 प्रतिशत से अधिक भिन्नता पाए जाने पर संबंधिक परीक्षक को बोर्ड ड्युटी से डिवार करने तथा दंड लगाने का प्रावधान किया गया है। दंडित परीक्षक एवं चेकिंग असिस्टेंट की सेवा पंजिका में एंट्री करने हेतु मामला निदेशक उच्चतर/प्रारंभिक शिक्षा को भी प्रेषित किया जाता है।

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर सुरेश कुमार ने बताया कि सोनी13 अध्यापकों का जबाव प्राप्त हुआ है फिर भी बोर्ड परीक्षाओं की पेपर चेकिंग प्रक्रिया में एक साल तक उनकी सेवाएं नहीं ली जाएंगी। एक साल के लिए उन्हें इस प्रक्रिया से बाहर किया गया है। बोर्ड की असाईंमेंट संबंधी विभिन्न कार्यों में उनकी सेवाएं भी नहीं ली जाएंगी। पेपर चेकिंग के बदले उन 13 अध्यापकों को जो मेहनताना दिया जाना था, उसमें 10 प्रतिशत कटौती का निर्णय लिया गया है। जल्द ही इस बारे अधिसूचना जारी की जाएगी। भविष्य में गलती न करने की हिदायत जारी की है।

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