अध्यापकों की पदोन्नति समय पर न करने से रोष
प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने शिक्षा विभाग में अध्यापकों की पदोन्नति समय पर न करने पर रोष व्यक्त किया है।
संवाद सहयोगी, हमीरपुर : प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने शिक्षा विभाग में अध्यापकों की पदोन्नति समय पर न करने पर रोष व्यक्त किया है। दस संदर्भ में संघ की कोर कमेटी अध्यक्ष केवल ठाकुर व प्रदेश महामंत्री यशवीर जम्वाल ने कहा कि विभागीय नियमों के अनुसार यह पदोन्नतियां शैक्षणिक सत्र के शुरू में की जाती हैं, ताकि अध्यापकों के पद खाली न रहें, लेकिन दुर्भाग्यवश आधा सत्र बीत जाने के बावजूद भी प्रदेश के स्कूलों में प्रधानाचार्य के 250, व मुख्य अध्यापकों के 170 से अधिक पद खाली हैं जबकि लगभग 550 से अधिक पीजीटी की पदोन्नति सूची भी कई दिनों से लंबित पड़ी है। शिक्षा विभाग में पदोन्नतियां एक श्रृंखला के तहत होती है जिसमें टीजीटी से पीजीटी, प्रवक्ता, तत्पश्चात टीजीटी और पदोन्नत प्रवक्ता से मुख्य अध्यापक, मुख्य अध्यापक एवं प्रवक्ता से प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति एक श्रृंखला आधार पर होती। हर प्रकार की पदोन्नति सूची जारी होने के बाद कार्यभार ग्रहण करने के लिए 15 से 20 दिन का समय दिया जाता है। इस प्रकार से इस पूरी प्रक्रिया को निपटाने में लगभग दो से अधिक महीने का समय लगता है लेकिन यह खेद का विषय है कि अब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है।
विभाग की इस लेटलतीफी के कारण बहुत से प्रवक्ता एवं टीजीटी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं अगर आंकड़ों की बात की जाए तो 1997 का प्रवक्ता आज प्रधानाचार्य व 1994 का टीजीटी मुख्य अध्यापक पद पर पदोन्नति की राह ताकते ताकते विभाग में 20 से 24 वर्ष की सेवाएं देने के पश्चात भी बिना किसी पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहा है। इस पूरी लेटलतीफी के कारण बच्चों की पढ़ाई पर भी विपरीत असर हो रहा है।
संघ के पदाधिकारियों प्रधान जिला बिलासपुर संजीव शर्मा, प्रधान ऊना मोहनलाल, प्रधान कांगड़ा प्रदीप धीमान, प्रधान मंडी कमल किशोर, प्रधान कुल्लू मनोज शर्मा, प्रधान शिमला राकेश शर्मा, प्रधान सोलन दर्शन, प्रधान चंबा कलितपुरी, प्रदेश उपाध्यक्ष हरिमन शर्मा ,प्रदेश संगठन मंत्री विनोद शर्मा, महामंत्री जिला हमीरपुर रविदास, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदीप डढवाल, मीडिया प्रभारी दलजीत चौहान, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अनिल धीमान, प्रीतम कौशल के अनुसार स्कूलों में कम परीक्षा परिणाम आने का ठीकरा पूरी तरह से अध्यापकों के सिर्फ सिर फोड़ दिया जाता है, लेकिन विभाग अपनी व्यवस्था को सुधारने की कोशिश नहीं कर रहा है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष रत्नेशवर शलारिया का कहना है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगें नहीं मानी गई तो संघ अपनी आगामी प्रांत स्तरीय बैठक में आगे की रणनीति तय करेगा।