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16 साल पुराने भर्ती घोटाले मामले में कटवाल गिरफ्तार

करीब 16 साल पहले हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड में हुए भर्ती घोटाले मामले में कोर्ट से सजा होने के बाद भूमिगत हो गए पूर्व चेयरमैन एसएम कटवाल को गिरफ्तार कर लिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 08:40 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:40 PM (IST)
16 साल पुराने भर्ती घोटाले मामले में कटवाल गिरफ्तार
16 साल पुराने भर्ती घोटाले मामले में कटवाल गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, हमीरपुर : करीब 16 साल पहले हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड में हुए भर्ती घोटाले मामले में कोर्ट से सजा होने के बाद भूमिगत हो गए पूर्व चेयरमैन एसएम कटवाल को गिरफ्तार कर लिया है। वह दो साल से भूमिगत चल रहे थे। कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। हमीरपुर की विजिलेंस टीम ने कटवाल को ऊना जिला में दबोचा है। वे जिला कोषागार ऊना में पेंशन के कागजात जमा करवाने आए थे, तभी उन्हें दबोच लिया गया। कटवाल को हमीरपुर कोर्ट में पेश किया गया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय मेहता की अदालत ने एक साल का जेल वारंट बनाकर कंडा जेल भेजने के आदेश दिए। कटवाल फिलहाल मंगलवार की रात हमीरपुर जेल में काटेंगे। इससे पहले कटवाल कोर्ट से बार-बार मोहलत मिलने के बाद भी आत्मसमर्पण नहीं कर रहे थे। दोषी कटवाल सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद कहां छिपे थे, किसी भी एजेंसी को इसके बारे में पता नहीं था। कटवाल सरेंडर क्यों नहीं कर रहे थे, इस पर भी रहस्य बना हुआ है। उनकी गिरफ्तारी के बाद अब सारे राज एक-एककर खुलेंगे। सुरेंद्र मोहन कटवाल को पकड़ने गई विजिलेंस टीम में एएसआइ ईश्वर दास, सुनील कुमार, कमलेश शर्मा व अन्य शामिल थे ।

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यह है मामला

हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड में चिट पर भर्ती का मामला वर्ष 2001-02 को सामने आया था। एसएम कटवाल उस समय चेयरमैन थे। वर्ष 2004 में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। सेशन कोर्ट हमीरपुर ने चार लोगों को दोषी करार देते हुए एक-एक साल की सजा सुनाई थी जिसकी आगे अपील की गई, पर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को ही बरकरार रखा और अपील को खारिज कर दिया था।

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दो दोषी पहले ही कर चुके सरेंडर

ऊना के मदन गोपाल और चंबा के राकेश को आत्मसमर्पण के बाद पहले ही जेल भेज दिया गया है। इसी मामले में बोर्ड के तत्कालीन पूर्व सदस्य विद्यानाथ को भी सरेंडर के बाद जेल भेज दिया गया था। सिर्फ कटवाल ही गिरफ्तारी से अबतक बचे थे। कोर्ट से लगातार उन्हें वारंट जारी होते रहे लेकिन वह कोर्ट में सरेंडर करने नहीं आ रहे थे। कोर्ट ने इन्हें उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। तीन दोषियों की सजा आधी होने को है, पर कटवाल का कोई सुराग नहीं लग रहा था। विजिलेंस टीम ने उनके ऊना स्थित घर और दूसरी जगह पर छापेमारी भी की थी।

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दया याचिका राज्यपाल के पास दायर

एसएम कटवाल के वकील नवीन पटियाल ने बताया स्वास्थ्य एवं उम्र को देखते हुए सजा कम करने के लिए एसएम कटवाल की दया याचिका राज्यपाल के पास दायर है।

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दो साल तक विजिलेंस को छकाते रहे कटवाल

जागरण संवाददाता, ऊना : हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड हमीरपुर के पूर्व चेयरमैन एसएम कटवाल दो साल से विजिलेंस को चकमा दे रहे थे। विजिलेंस की टीमें उनकी तलाश में जुटी थी, पर उनका कोई सुराग नहीं लगा पा रही थीं। मंगलवार को ऊना में कोष कार्यालय में पेंशन मामले को लेकर पहुंचे कटवाल विजिलेंस के हत्थे चढ़ गए। दो साल से भूमिगत हुए कटवाल की गिरफ्तारी करना विजिलेंस के लिए नाक का सवाल बन गया था। कटवाल का ऊना में आवास है। ऐसे में विजिलेंस की टीम ने उन पर कड़ी निगाह रखी हुई थी। इस बार कटवाल विजिलेंस की नजरों से नहीं बच पाए। पहले भी ऐसी सूचनाएं मिलती रही हैं कि कटवाल का ऊना में आना-जाना रहता है लेकिन विजिलेंस के हरकत में आने से पहले ही वह भूमिगत हो जाते थे। दो साल से उनके भूमिगत होने का सिलसिला जारी था। विजिलेंस भी उन्हें पकड़ने के प्रयासों में जुटी थी। विजिलेंस की टीम को कटवाल की मूवमेंट को लेकर गुप्त सूचना मिली थी। तब से टीम उन्हें पकड़ने की तैयारी में जुटी थी।


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