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पेयजल योजनाओं का अधिकारियों ने किया निरीक्षण

जाहू पंचायत की दोनों पेयजल योजनाओं का ¨सचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षरण करके स्थिति का जायजा लिया है और योजनाओं की मशीनरी, पाइप लाइन व नलों का विवरण जुटाया है। इससे लंबे समय से योजनाओं के सरकारीकरण की मांग पूरा होने की पंचायत वासियों को उम्मीद बंधी है। हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल की जाहू पंचायत प्रदेश में ऐसी पहली पंचायत है कि जोकि ग्रामीणों को दो पेयजल योजनाओं जाहू उठाऊ पेयजल योजना एक व उठाऊ पेयजल योजना दो हौड़ के माध्यम अपने स्तर पर लंबे समय से पेयजल मुहैया करवा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:03 PM (IST)
पेयजल योजनाओं का अधिकारियों ने किया निरीक्षण
पेयजल योजनाओं का अधिकारियों ने किया निरीक्षण

संवाद सहयोगी, जाहू : जाहू पंचायत की दोनों पेयजल योजनाओं का मंगलवार को आइपीएच विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षरण कर स्थिति का जायजा लिया है और मशीनरी, पाइपलाइन व नलों का विवरण जुटाया। लंबे समय से योजनाओं के सरकारीकरण की मांग पूरा होने की लोगों को उम्मीद बंधी है।

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जाहू पंचायत प्रदेश में ऐसी पहली पंचायत है कि जोकि ग्रामीणों को दो पेयजल योजनाओं जाहू उठाऊ पेयजल योजना एक व उठाऊ पेयजल योजना दो हौड़ के माध्यम से अपने स्तर पर पेयजल मुहैया करवा रही है। नौ वार्डो में पंचायत में जाहू कलां, जाहू, खुर्द, तलाई, कांगूघट्टी, डोहग, हौड़ गांव हैं। 1978 में जाहू पेयजल योजना प्रथम का निर्माण नलवाड़ मेले के मध्यनजर किया गया था। शुरुआती में योजन के 25 कनेक्शन थे लेकिन अब चार वार्डों को सप्लाई दी जा रही है। कनेक्शनों की संख्या पांच सौ तक पहुंच गई है। योजना के केवल कुएं की ही मरम्मत हुई है। जबकि दस अश्व शक्ति की मोटर व पंप पुराना हो चुका है। इसी तरह जाहू हौड़ पेयजल योजना का निर्माण 1990 में किया गया है। इसके लिए पंचायत ने अपने स्तर पर ही 22 फीट गहरा कुआं पंप हाउस और मुख्य पाइप लाइन बिछाई है। योजना के पानी की सप्लाई कांगूघट्टी में बने टैंक में डाल कर पंचायत के वार्ड एक, दो, तीन, चार, सात व आठ के कुछ घरों को पानी दिया जा रहा है। योजना के अधीन भी करीब पांच सौ नल लगे हैं। पंचायत में बढ़ते आर्थिक बोझ के कारण योजना के संचालन के बिजली के बिल को प्रदेश सरकार ने माफ कर रखा है। इसके बावजूद भी योजनाओं के संचालन में पंचायत के विकास का पैसा योजनाओं के रखरखाब पर खर्च हो रहा है। हालांकि पानी की समस्या को देखते हुए कांगू घट्टी में करीब पौने दो लाख पेयजल क्षमता वाला एक ओवर हेड टैंक का निर्माण मेवा बमसन लगबालत्ती पेयजल योजना के पानी की डालने के लिए किया गया है। इसके बावजूद भी नलों में पानी न आने से ग्रामीणों को लगातार पेयजल संकट की समस्या से जूझना पड़ रहा है। पंचायत प्रतिमाह प्रति नल 20 रुपये के हिसाब से बिल लेती है। इससे पंचायत को करीब दो लाख रुपये की आमदनी होती है। योजनाओं के संचालन के लिए पंचायत के चार कर्मचारी तैनात किए हैं। जिनकों प्रत्येक माह करीब 12 हजार रुपये वेतन देती है। इससे पंचायत अब योजनओं के संचालन सक्षम नहीं रही है। इसके लिए पंचायत ने तीन माह पहले प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेज कर योजनाओं के सरकारीकरण की मांग की थी। सरकार के आदेश पर अधिशाषी अभियंता जितेंद्र गर्ग व सहायक अभियंता अजय वर्मा ने दोनों योजनाओं का निरीक्षण किया। इस अवसर पर पंचायत प्रधान राजू भी मौजूद रहे।

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पेयजल योजनाओं का निरीक्षण किया है। पंचायत में एक हजार नल लगे हैं। योजनाओं की स्टेटस रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेजी जा रही है। दोनों योजनाओं को विभाग अपने अधीन करेगा।

-जितेंद्र गर्ग, अधिशाषी अभियंता, आइपीएच विभाग।


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