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27 साल से टैक्सियों को नहीं मिला स्टैंड

राजेनता वोट तक ही सीमित है । भाजपा व कांग्रेस के नेता टैक्सी ऑपरेटारों की वर्षों पुरानी मांगों को आज भी पूरा नहीं कर पाए हैं। बता दें कि जिला हमीरपुर के वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के टैक्सी स्टैंड में चालकों की बदहाल दशा का दर्द का भाजपा व कांग्रेस के नेता मर्ज नहीं निकल पाए है। वीरभूमि टैक्सी यूनियन भारतीय मजदूर संघ के साथ पंजीकृत है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 06:35 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 06:35 PM (IST)
27 साल से टैक्सियों को नहीं मिला स्टैंड
27 साल से टैक्सियों को नहीं मिला स्टैंड

रणवीर ठाकुर, हमीरपुर

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हमीरपुर के राजनेता टैक्सी ऑपरेटरों की वर्षो पुरानी मांगों को आज भी पूरा नहीं कर पाए हैं। वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन हमीरपुर के टैक्सी स्टैंड की बदहाल दशा भाजपा व कांग्रेस के नेता सुधार नहीं पाए हैं। वीरभूमि टैक्सी यूनियन भारतीय मजदूर संघ के साथ पंजीकृत है। टैक्सी स्टैंड तो दूर चालकों को ट्रेड यूनियन की ओर से आज तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है।

1992-93 में उन्हें बस स्टैंड से यह कहकर उठा दिया गया कि टैक्सी ऑपरेटरों के लिए जमीन की व्यवस्था भी होगी और उनके लिए भवन भी बनाया जाएगा। वर्षों बीते पर राजनीतिक दल फाइलों के फाइनल होने के चक्कर में झूठे आश्वासन देते रहे। 1998 में प्रेम कुमार धूमल के मुख्यमंत्री बनते ही टैक्सी ऑपरेटरों को समस्या के समाधान की नई किरण जगी, लेकिन धूमल के दो बार मुख्यमंत्री बनने व अनुराग ठाकुर के तीन बार संासद बनने पर भी टैक्सी स्टैंड नहीं बन पाया। इतना जरूर हुआ कि सितंबर, 2002 में शॉपिग कांप्लेक्स तथा टैक्सी स्टैंड का सामूहिक एक कांप्लेक्स बनाने को लेकर प्रशासन ने मुहिम छेड़ थी। तत्कालीन संसदीय सचिव उर्मिल ठाकुर व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बाल खेल मैदान के साथ शॉपिग कांप्लेक्स तथा टैक्सी स्टैंड का शिलान्यास किया था और उन्हें उम्मीद बंधी थी की टैक्सी स्टैंड बनकर तैयार होगा, लेकिन न तो आज तक टैक्सी स्टैंड बना और न हीं शॉपिंग कांप्लेक्स ही बन पाया। कांग्रेस सरकार में तो टैक्सी ऑपरेटरों की मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब तो टैक्सी ऑपरेटर लोकसभा चुनाव में नोटा दबाने की बात कर रहे हैं, जो कि भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बनकर उभरेगा।

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पिछले तीस वर्ष टैक्सी चालकों की समस्याओं को कोई भी राजनीति दल आगे नहीं आया है। राजनेताओं ने उन्हें वोट बैंक की तरह समझा। सुविधाओं के अभाव के चलते करीब 200 से अधिक टैक्सी ऑपरेटर वाहनों में भी रात काटने को मजबूर हैं। खेल मैदान का पूरा पानी टैक्सी स्टैंड पर जमा होता है। इस समस्या से समाधान को लेकर जिला प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाए हैं।

-बलवीर सिंह, प्रधान वीर भूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन।

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वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के हितों को लेकर टैक्सी ऑपरेटर पिछले 30 वर्ष से संघर्ष कर रहे हैं। आज फिर वही हाल है। सड़कों पर इस वर्ग के चालकों को धक्के खाने पड़ते हैं। इस बारे में सांसद अनुराग ठाकुर के समक्ष भी टैक्सी ऑपरेटर मांग रख रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं को लेकर कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। हमीरपुर के टैक्सी चालकों की समस्याओं के समाधान को लेकर कोई ठोस नहीं कदम आज नहीं उठाएं गए हैं।

-राजकुमार, टैक्सी ऑपरेटर।

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पिछले 30 वर्ष से जैसे सड़क पर थे, उसी हालात में हमीरपुर के वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटर आज भी परेशान हैं। सुविधाओं के अभाव पर जिला प्रशासन और न ही राजनीतिक दलों ने कोई प्रयास किए। टैक्सी ऑपरेटर टैक्स का भी भुगतान कर रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर कोई भी प्रयास आज नहीं हो पाए हैं। इस वर्ग के चालकों को सरकार तथा प्रशासन के प्रति रोष है।

-सुनील कुमार, टैक्सी चालक।

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प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री तथा तीन बार के सांसद के प्रयासों से वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटरों में रोष है। सांसद शक्ति का प्रयोग नहीं कर पाए। वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन उन्हें फर्ज से नहीं भूली, लेकिन भवन तथा टैक्सी स्टैंड बेहतर न बनने से यह मलाल हर टैक्सी ऑपरेटर को झकझोर रहा है। अंधेरी रातें तथा कठिन परिस्थितयों में उन्हें परिवार को पालन-पोषण करने में भी दिक्कत पेश आ रही है।

-राजेश कुमार, टैक्सी चालक।

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वीरभूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन का प्रतिनिधिमंडल टैक्सी ऑपरेटर के प्रधान बलवीर सिंह की अध्यक्षता में मांग को लेकर उनसे मिला है। उनका तीन सूत्रीय मांग पत्र के बारे में जिला प्रशासन की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। इस बारे में उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

-वीरेंद्र शर्मा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी।


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