बिलासपुर में दबाव बढ़ा तो घुमारवीं में नशा माफिया सक्रिय
मनीष गर्ग घुमारवीं सरकारें बेशक नशे का अवैध व्यापार करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त क
मनीष गर्ग, घुमारवीं
सरकारें बेशक नशे का अवैध व्यापार करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाने का दावा कर रही हैं। लेकिन हकीकत यह है कि जमीन पर अभी तक पुलिस विभाग ऐसा कोई केस भी दर्ज नहीं कर पाया हैं। जिसमें नशे में संलिप्त आरोपी को कोई सजा हुई हो। महज फुटकर नशे का काम करने वालों तक ही पुलिस की कार्रवाई सीमित रह गई है।
घुमारवीं पुलिस नशे के बड़े सौदागरों तक नहीं पहुंच पाई है। अब नशा एक फोन पर घर में पहुंच रहा है। जिसमें की कई रसूखदार घरों के बच्चे नशे की चपेट में आ गए हैं। नशा माफियाओं ने अब कॉलेज व स्कूल के बच्चों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। घुमारवीं में नशे का व्यापार आसानी फलफूल रहा है। नशा माफिया को पकड़ने में पुलिस तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है।
हालांकि कुछ महीने पहले बिलासपुर शहर में जिस तरह से पुलिस ने नशे के नेटवर्क को तोड़ने में कामयाब हासिल की थी, उसके बाद नशा माफियाओं के लिए घुमारवीं शहर नशे का अड्डा बन गया है। माफिया ने खुद के लिए सबसे ज्यादा कंफर्ट जोन घुमारवीं तय कर लिया है। जहां से नशे मे लिप्त माफिया आसानी से चारों तरफ छोटी-छोटी खेपों में नशे का बेखौफ कारोबार कर रहे हैं। घुमारवीं शहर में इंदिरा मार्केट,अस्पताल, कोर्ट, तहसील परिसर, डंगार, भराड़ी, बरठीं कुठेडा आदि जगहों पर नशा माफिया छोटी-छोटी खेपों में नशा पहुंचाकर नशे का कारोबार कर चांदी कूट रहा है।
पुलिस कार्यप्रणाली भी बार-बार संदेह के घेरे में आती है। अभी हाल ही में नशे के एक आरोपी को पकड़ा था परंतु एक रसूखदार घर से होने के कारण वह जल्द ही बाहर आ गया। वहीं, पुलिस को गुप्त सूचना देने का भी कोई फायदा नहीं हो रहा है। नशे के खिलाफ हैं जो भी सूचनाएं लोग दे रहे हैं। उन पर पूरी कार्रवाई करते हैं। साल तीन केस एनडीपीसी एक्ट के तहत पकड़े हैं और अभियान जारी है। अगर किसी के पास कोई सूचना हो तो वह किसी भी समय सूचना दे सकते हैं। अगर किसी को लगता है कि पुलिस को हमने सूचना दी और कार्रवाई नहीं हुई है तो वह उसके बारे में उन्हें बताएं मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
राजेंद्र जसवाल, डीएसपी घुमारवीं