दखयोड़ा स्वास्थ्य केंद्र में आठ माह से डॉक्टर नहीं
प्रदेश सरकार द्वारा घोषित पिछड़ी ग्राम पंचायत सठवीं के अंतर्गत पढ़ने वाले राजकीय आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र दखयोड़ा में पिछले करीब 2 वर्ष से डॉक्टर के ना होने से क्षेत्रवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा लोगों की सुविधा के लिए खोले गए इस स्वास्थ्य केंद्र से क्षेत्र के लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है और लोगों को अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए 15 किलोमीटर दूर बिझडी या फिर 30 किलोमीटर दूर बड़सर की ओर रुख करना पड़ रहा है।
संवाद सहयोगी, बड़सर : सरकार द्वारा घोषित पिछड़ी ग्राम पंचायत सठवीं के तहत पढ़ने वाले राजकीय आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र दखयोड़ा में पिछले करीब दो वर्ष से डॉक्टर के न होने से क्षेत्रवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य लाभ के लिए लोगों को 15 किलोमीटर दूर बिझड़ी या फिर 30 किलोमीटर दूर बड़सर की ओर रुख करना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा करीब 10 महीने पूर्व इस स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी परंतु वहां पर तैनात डॉक्टर पिछले करीब आठ महीनों से जिला ऊना में डेपुटेशन पर चल रहे हैं। ऐसे में क्षेत्र के लोगों के लिए समस्या उत्पन्न हो गई है। वैसे तो सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को तरह तरह की सुविधाएं देने के लिए बड़े-बड़े दावे वादे किए जाते हैं परंतु धरातल पर सारी सरकारी योजनाएं फेल होती नजर आ रही हैं।
स्वास्थ्य केंद्र दखयोड़ा मे जहां एक तरफ सरकार द्वारा करीब दो वर्ष बाद भी डॉक्टर की तैनाती की गई है। वही साथ ही यहां तैनात किये गए डॉक्टर को ऊना में डेपोटेशन दे दिया गया। इस सारे प्रकरण से यह प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा आम जनमानस की सुविधाओं को ध्यान में नहीं रखते हुए सरकारी कार्यालय में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखा जाता है। क्षेत्र के लोगों कहना है कि यदि सरकार द्वारा शीघ्र स्वास्थ्य केंद्र दखयोडा़ में डॉक्टर की स्थाई नियुक्ति नहीं की तो वह स्वास्थ्य केंद्र के समक्ष धरना करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
वहीं, उपमंडलीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी बड़सर नरेश बनयाल का कहना है कि दखयोड़ा में तैनात डॉक्टर को सरकार द्वारा ऊना अस्पताल में डेपोटेशन पर भेजा है। वह पिछले करीब आठ महीनों से ऊना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।