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अनुराग व अग्निहोत्री सिर्फ झूठ, बदला और बदली की राजनीति ही कर सकते हैं: सुक्खू

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर व पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री को आड़े हाथों लिया।

By BabitaEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 04:27 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 04:27 PM (IST)
अनुराग व अग्निहोत्री सिर्फ झूठ, बदला और बदली की राजनीति ही कर सकते हैं: सुक्खू
अनुराग व अग्निहोत्री सिर्फ झूठ, बदला और बदली की राजनीति ही कर सकते हैं: सुक्खू

हमीरपुर, जेएनएन। जोलसप्पड़ मेडिकल कॉलेज पर राजनीति चमकाने को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर व पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि अनुराग व अग्निहोत्री सिर्फ झूठ, बदला और बदली की राजनीति ही कर सकते हैं। जनता उनके विकास कराने की क्षमता को परख चुकी है। विकास के नाम पर लोगों को बरगलाना उनकी पुरानी आदत है। मेडिकल कॉलेज को लेकर भी दोनों ऐसा ही कर रहे हैं। कॉलेज की मंजूरी में भाजपा का कोई योगदान नहीं है।

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कॉलेज को चार साल शुरू न होने देने में सांसद, पूर्व विधायक व केंद्र सरकार ने जरूर भूमिका निभाई है। अनुराग व अग्निहोत्री को तथ्यहीन दुष्प्रचार के बजाए मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति को लेकर अपनी जानकारी दुरुस्त कर लेनी चाहिए। 4 मार्च 2014 को पूर्व यूपीए सरकार ने 19 फरवरी 2014 को 189 करोड़ के बजट सहित जोलसप्पड़ के लिए स्वीकृत मेडिकल कॉलेज की अधिसूचना जारी की थी। पत्र में साफ जिक्र है कि केंद्र व राज्य सरकार के 75:25 के अनुपात में यह 200 बेड का कॉलेज काम करेगा।

हमीरपुर हॉस्पिटल से संबद्ध होते हुए इसका निर्माण दस किलोमीटर के दायरे में जोलसप्पड़ में किया जाएगा। अगर अनुराग व विजय अग्निहोत्री को इसका ज्ञान नहीं है तो आरटीआई से अधिसूचना की कॉपी ले सकते हैं। उन्होंने तो जोलसप्पड़ में 26 एकड़ भूमि का भी प्रावधान किया हुआ है, जिसे भाजपा सरकार कम कर 16 एकड़ करने में जुटी है। मई 2014 में केंद्र में सत्तासीन हो चुकी मोदी सरकार ने अनुराग व अग्निहोत्री के कहने पर ही केंद्रीय वन मंत्रालय से भूमि पर पर्यावरण सबंधी बेवजह आपत्तियां लगाई।

जिससे भूमि की एनओसी को लटका दिया गया। उन्होंने अपने प्रयासों से न केवल देहरादून स्थित वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के ऑफिस में संपर्क कर आपत्तियां दूर कराईं, बल्कि एनओसी भी जारी कराने का काम किया। अब भाजपा कॉलेज को भी मोदी सरकार की देन बता रही है, जबकि इसमें उनका कोई योगदान नहीं है। अगर भाजपा नेताओं ने कॉलेज की स्थापना में अड़ंगे न डाले होते तो इसमें 2014 में ही कक्षाएं शुरू हो गईं होती।


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