कैंसर से जीता, ‘कुशल’ व्यवस्था से हारा
भडियाड़ा निवासी 21 वर्षीय कुशल डेढ़ साल पहले कैंसर के कारण टांग काटनी पड़ी है और अब 75 फीसद दिव्यांग है।
तियारा (धर्मशाला), मुनीष गारिया। बेशक यह युवा कैंसर से जंग जीत गया है पर कुशल व्यवस्था के आगे हार गया है। जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टरों की सलाह पर एक टांग काटनी पड़ी है और 75 फीसद दिव्यांग है। सरकारी व्यवस्था और अफसरों की लापरवाही से मिली पीड़ा को अब यह सहन नहीं कर पा रहा है। कांगड़ा हलके के तहत तियारा गांव में रविवार को आयोजित जनमंच कार्यक्रम में यह दर्द सामने आया। कार्यक्रम के दौरान भडियाड़ा निवासी 21 वर्षीय कुशल पंचायत प्रतिनिधियों के साथ परिवहन मंत्री के समक्ष पेश हुआ और दास्तान सुनाई।
बकौल कुशल, डेढ़ साल पहले कैंसर के कारण टांग काटनी पड़ी है और अब 75 फीसद दिव्यांग है। परिवार
बीपीएल से ताल्लुक रखता है। बीमारी के कारण दसवीं के आगे पढ़ाई नहीं कर पाया है। पिता सर्वजीत किसान हैं तो माता स्वर्णा देवी मनरेगा में दिहाड़ी लगाती हैं। मार्च 2017 में कुशल ने दिव्यांगता पेंशन के लिए आवेदन किया था, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण आजतक कुछ नहीं हुआ।
पंचायत ने तीन माह पहले प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा कि कुशल को नौकरी दी जाए। पंचायत ने हवाला दिया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तियारा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तीन पद रिक्त हैं और यहां तैनाती का सुझाव दिया। पंचायत उपप्रधान पंकज का कहना है कि पेंशन के लिए 30 जुलाई को ऑनलाइन शिकायत भी की है, लेकिन उसका न जवाब आया और न ही कोई कार्रवाई हुई है। इस दौरान परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर ने निर्देश जारी किए कि कि कुशल को नौकरी प्राथमिकता के आधार पर नौकरी
दी जाए।