बीपीएल परिवार की दो बेटियों के जन्म पर 12 हजार की एफडी
बेटी है अनमोल योजना के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से पहाड़ में ¨लगानुपात सुधार की कदमताल चल रही है। जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग को सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। वर्ष 2011 में जिला कांगड़ा में 1000 लड़कों के मुकाबले में
'बेटी है अनमोल' योजना के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से लिंगानुपात में सुधार की कदमताल जारी है। 2011 में जिला में लिंगानुपात की दर जहां 876 थी, अब 903 हो चुकी है। यही नहीं, महिलाओं के कल्याण के लिए विभाग की ओर से और भी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रणजीत ¨सह से दैनिक जागरण के संवाद सहयोगी राजेंद्र डोगरा ने जानकारी ली। पेश हैं बातचीत के अंश-
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-'बेटी है अनमोल' योजना क्या है?
'बेटी है अनमोल' योजना के तहत बीपीएल परिवार में जन्मी दो बच्चियों के नाम 12000 रुपये की एफडी 18 वर्ष के लिए करवाई जाती है। पहली से लेकर स्नातक तक छात्रवृत्ति भी कन्याओं को दी जाती है। पहली से तीसरी कक्षा तक 450 रुपये, चौथी कक्षा तक 750, पांचवीं कक्षा तक 900, छठी से सातवीं तक 1050, आठवीं कक्षा तक 1200, नवमीं से दसवीं 1500, जमा एक व दो में 2250 जबकि स्नातक के लिए 5000 रुपये छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
-'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना क्या है और इसके तहत क्या कार्यक्रम चल रहे हैं?
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोकना और उसे पढ़ाना। इस संबंध में हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से भी जिला कांगड़ा की कामयाब बेटियों का जिक्र किया गया है, ताकि उनसे प्रेरणा लेकर लोग बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाएं, ताकि वे भी कामयाब होकर उनका नाम गौरवान्वित कर सकें।
-उपरोक्त योजनाओं के अलावा और कौन सी योजनाएं हैं?
उपरोक्त योजनाओं के अलावा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मदर टेरेसा व विधवा पुनर्विवाह योजना प्रमुख हैं, जो कि महिलाओं के कल्याण से जुड़ी हुई हैं।
-मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के बारे में बताएं?
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिस परिवार का मुखिया यानी लड़की का पिता नहीं है या बीमारी के कारण बिस्तर पर है तो उस परिवार की कन्या को शादी पर शगुन के रूप में 40 हजार रुपये की राशि दी जाती है। जिला कांगड़ा में इस वर्ष एक करोड़, 23 लाख रुपये आया था। इससे जिला की 307 लड़कियों को शगुन जारी किया गया है।
-प्रधानमंत्री मातृ योजना क्या है और इससे कितने लाभान्वित हुए हैं?
यह योजना अप्रैल, 2017 में शुरू हुई थी। इस योजना के तहत पहली बार बच्चे को जन्म देने वाली महिला को 6000 रुपये का लाभांश तीन किस्तों में किया जाता है। पहली किस्त गर्भधारण पर पंजीकरण करवाने पर 1000 रुपये, दूसरी किस्त प्रसव पूर्व जांच कराने पर 2000 रुपये और अंतिम किस्त 2000 रुपये बच्चे के जन्म के बाद टीकाकरण का पहला चक्र पूर्ण होने पर दी जाती है। 1000 रुपये स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रसव के उपरांत सिर्फ बीपीएल व एससी/एसटी वर्ग से संबंधित महिला को दिया जाता है। इस योजना की लाभांश ऑनलाइन ही लाभार्थी के खाते में जारी होता है।
-मदर टेरेसा योजना का क्या लाभ है?
मदर टेरेसा योजना के तहत विधवा, परित्यक्त, तलाकशुदा महिला के दो बच्चों को 18 साल तक पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत पात्र बीपीएल में होना चाहिए और उसकी वार्षिक आय 35000 रुपये होनी चाहिए।
-आपकी तरफ से संदेश।
विभाग की ओर से जो भी कल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं उनका लाभ उठाएं। इन योजनाओं की जानकारी के लिए नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों व बाल विकास परियोजना कार्यालयों से भी जानकारी ले सकते हैं।