Move to Jagran APP

हिमाचल में ओलावृष्टि और तूफान से फसलें बर्बाद

हिमाचल प्रदेश में मौसम परिवर्तनशील बना हुआ है, ओलावृष्टि के कारण सेब की करीब 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है

By BabitaEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 10:47 AM (IST)Updated: Fri, 04 May 2018 11:04 AM (IST)
हिमाचल में ओलावृष्टि और तूफान से फसलें बर्बाद
हिमाचल में ओलावृष्टि और तूफान से फसलें बर्बाद

ठियोग, जेएनएन। विकास खंड ठियोग की कई पंचायतों में बुधवार को ओलावृष्टि और तूफान से सेब, गोभी व अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। वहीं तेज हवा के कारण विभिन्न पंचायतों में घरों की छतों के उड़ने की खबर है। बुधवार शाम को ठियोग के आसपास की फागू, बणी, शटेयां, मझार और चियोग पंचायतों में भारी ओलावृष्टि से सेब की फसल को काफी नुकसान हुआ है।

loksabha election banner

बणी पंचायत के प्रधान राजेंद्र वर्मा के अनुसार शाम चार बजे के करीब लगभग 20 से 25 मिनट तक ओलावृष्टि से पंचायत के अधिकतर बागवानों की सेब की फसल को बहुत नुकसान हुआ है। कई बगीचों में लाखों रुपये से लगाई गई एंटी हेलनेट भी ओलावृष्टि की मार सहन नहीं कर पाई और कई जगहों पर टूट गई। प्रधान राजेंद्र ने बताया कि अधिकतर बागवानों को इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद थी, लेकिन ओले गिरने से उम्मीदों को

काफी झटका लगा है। उन्होंने बताया कि पंचायत ने प्रस्ताव पारित कर उपायुक्त से प्रभावित बागवानों-किसानों को हुए नुकसान का जल्द आंकलन करने और उन्हें उचित सहायता राशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। ठियोग खंड की शिलारू, क्यार व अन्य पंचायतों में आंधी तूफान के कारण सेब की फसल को खासा नुकसान हुआ है। तेज आंधी के कारण कई जगह सेब के पौधों से पत्तियों सहित फल टूट कर जमीन पर आ गिरे हैं।

ठियोग की साथ लगती चिखड़ पंचायत में तूफान के कारण कई घरों की छतें उड़ गईं। चिखड़ पंचायत के गोदन गांव के मस्तराम की दो मंजिला इमारत की छत तूफान के कारण उड़ गई। चिखड़ पंचायत प्रधान राकेश के अनुसार प्रशासन की तरफ से प्रभावित परिवार को 10 हजार रुपये की सहायता राशि और परिवार को सिर ढकने

के लिए तरपाल भी दी गई है। 

 सेब व गेहूं पर मौसम की मार

हिमाचल प्रदेश में मौसम परिवर्तनशील बना हुआ है। कभी तेज धूप तो कभी अचानक मौसम में बदलाव होने से बारिश व ओलावृष्टि हो रही है। इस कारण फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में ओलावृष्टि के कारण सेब की करीब 50 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है। ओलावृष्टि से सेब बगीचों में पौधों से पत्ते जमीन पर गिर गए हैं। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में तूफान के कारण गेहूं की फसल बर्बाद होने के कगार पर है। इस कारण किसानों व बागवानों को सालभर के खर्च की चिंता सताने लगी है।

प्रदेश में मौसम की यह अनिश्चितता आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में नौ मई तक पश्चिमी हवा सक्रिय रहेगी। चार मई से आठ मई तक राज्य के कुछ क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना है।  पश्चिमी हवा का अधिक असर कांगड़ा, ऊना, मंडी, सोलन, शिमला व सिरमौर जिलों में अधिक रहेगा। वीरवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में सुबह तेज बारिश हुई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.