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मौसम रहा मेहरबान, लॉकडाउन बना मददगार

राजेंद्र डोगरा धर्मशाला जून का पहला पखवाड़ा लगभग बीत गया है लेकिन इस बार वनकर्मियों के ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 05:11 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 06:19 AM (IST)
मौसम रहा मेहरबान, लॉकडाउन बना मददगार
मौसम रहा मेहरबान, लॉकडाउन बना मददगार

राजेंद्र डोगरा, धर्मशाला

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जून का पहला पखवाड़ा लगभग बीत गया है लेकिन इस बार वनकर्मियों के लिए मौसम मेहरबान रहा है। साथ ही कोरोना के कारण लॉकडाउन व क‌र्फ्यू भी मददगार बना है। यही वजह है कि इस बार गर्मियों के सीजन में अभी तक धर्मशाला व पालमपुर वनमंडलों में 23 केस फायर के हुए हैं। ये सभी केस ग्राउंड फायर के हैं, जबकि नूरपुर उपमंडल में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। अभी तक वन कर्मचारियों को मोबाइल फायर फाइटिग एक्यूपमेंट का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ी है।

हालांकि 15 अप्रैल से शुरू हुए फायर सीजन से निपटने के लिए वन विभाग ने मार्च में ही तैयारियां पूरी कर ली थीं। बकायदा वृत के तहत तीनों वनमंडलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए 241.88 किलोमीटर फायर लाइनिग कर दी थी। साथ ही करीब 250 फायर वाचर की तैनाती भी की है। इसके अलावा 178 फॉरेस्ट वर्कर, 221 फॉरेस्ट गार्ड व 65 डिप्टी रेंजर को तैनात किया था। साथ ही वन वृत से लेकर वन परिक्षेत्र कार्यालयों तक नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। धर्मशाला वन वृत कार्यालय में मुख्य नियंत्रण कक्ष बनाया है। धर्मशाला, पालमपुर व नूरपुर वनमंडल कार्यालयों में वनमंडल स्तर जबकि वन परिक्षेत्र कार्यालयों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।

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फायर केसों से प्रभावित क्षेत्र

धर्मशाला वनमंडल में 16 केस फायर के हुए हैं और इनमें 62 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। साथ ही 2695 रुपये का नुकसान आंका गया है। पालमपुर वनमंडल में 7 केस फायर के हुए हैं और यहां 10 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है।

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वन बीटों की स्थिति

वन वृत धर्मशाला के तहत धर्मशाला, पालमपुर व नूरपुर वन वृत हैं और इनमें 72 वन बीटें हैं। इनमें 44 संवेदनशील व 20 अति संवेदनशील हैं। पालमपुर वनमंडल के तहत 54 बीटें हैं और इनमें 22 संवेदनशील हैं। नूरपुर वनमंडल के तहत 82 बीटें हैं और इनमें 50 फीसद आगजनी की दृष्टि से संवेदनशील हैं।

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वन वृत कार्यालय में मुख्य नियंत्रण कक्ष

फायर सीजन से निपटने के लिए वन वृत से लेकर वन परिक्षेत्र कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। धर्मशाला वन वृत कार्यालय में मुख्य नियंत्रण है। धर्मशाला, पालमपुर व नूरपुर वनमंडल कार्यालयों में वनमंडल स्तर पर जबकि वन परिक्षेत्र कार्यालयों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं।

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पालमपुर वनमंडल में ग्राउंड फायर के सात केस हुए हैं। विभाग ने आग की घटनाओं से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।

-नितिन पाटिल, डीएफओ पालमपुर।

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नूरपुर वनमंडल में अभी तक कोई भी फायर केस सामने नहीं आया है। विभाग ने पुख्ता प्रबंध किए हैं।

-बसु कौशल, डीएफओ नूरपुर।

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वनमंडल के तहत कोविड 19 के नियमों का पालन किया जा रहा है। अभी तक 16 केस फायर के हुए हैं। इस दफा मौसम मेहरबान रहा है। साथ ही लॉकडाउन भी मददगार बना है।

-संजीव शर्मा, डीएफओ वनमंडल धर्मशाला।


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