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सुहाना और तेज रफ्तार में होगा सफर

सुहाना सफर और यह मौसम हसी, पुराने गाने के इन बोलों का मायने चाहे कुछ अलग होंगे, लेकिन मौसम चाहे जो भी हो पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग पर अब यात्रियों का सफर सुहाना होने के साथ साथ तेज भी होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 Dec 2018 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 02 Dec 2018 08:33 PM (IST)
सुहाना और तेज रफ्तार में होगा सफर
सुहाना और तेज रफ्तार में होगा सफर

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : सुहाना सफर और मौसम हसी गाने के इन बोलों के मायने चाहे कुछ अलग हों, लेकिन मौसम चाहे जो भी हो पठानकोट-जोगेंद्रनगररेल ट्रैक पर अब यात्रियों का सफर सुहाना होने के साथ-साथ तेज भी होगा। इसके साथ ही हरेक स्टेशन पर नि:शुल्क वाईफाई सुविधा होने के साथ-साथ स्टेशनों में स्ट्रीट लाइटें भी जगमगाएंगी। साथ ही शौचालयों की हालत भी सुधारी जाएगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को धर्मशाला दौरे के दौरान स्पष्ट कर दिया है कि इस ट्रैक को नेरोगेज तो रखा जाएगा, लेकिन इसकी काया बदल दी जाएगी। मौजूदा समय में यहां ट्रेनों की रफ्तार सामान्य 30 किमी प्रति घंटा है और पठानकोट से जोगेंद्रनगर तक पहुंचने के लिए नौ घंटे लगते हैं। अब ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाकर 50 किलोमीटर तक किया जाएगा और सफर नौ से छह घंटे का रह जाएगा यानी यात्रियों के तीन घंटे मतलब 33 फीसद समय बच जाएगा।

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चलेंगे पारदर्शी कोच

ट्रैक पर पारदर्शी कोच चलाए जाएंगे और ट्रेन के भीतर से ही धौलाधार की पहाड़ियों का नजारा देखा जा सकेगा। पारदर्शी कोच चलने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक लोग ट्रेन में सफर करना पसंद करेंगे। अभी तक देश के 709 स्टेशनों में रेलवे विभाग नि:शुल्क वाईफाई की सुविधा दे रहा है

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17 स्टेशनों में मिलेगी वाईफाई सुविधा

पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक में 17 स्टेशनों पर वाईफाई सुविधा मिलेगी। रेलवे स्टेशनों में शुरुआती छह माह के लिए नि:शुल्क वाईफाई की सुविधा दी जाएगी। बाद में बहुत कम दरों को हाई स्पीड वाईफाई सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा स्टेशनों के आसपास गांवों के लोगों को भी मिलेगी।

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अंग्रेजों ने तीन साल में बनाया था ट्रैक

पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग का निर्माण अंग्रेजों ने जोगेंद्रनगर में पहले हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को लगाने के लिए किया था। यहां ट्रेन के जरिये भारी मशीनरी पहुंचाई गई थी। कार्य कर्नल बीसी बैट्टी की देखरेख में किया गया था। मार्ग का कार्य दो मई, 1926 को शुरू हुआ था। पहली अप्रैल, 1929 को पहली रेलगाड़ी शुरू हुई थी।

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रेलमार्ग की खास बातें

-164 किलोमीटर है ट्रैक की लंबाई

-2 करोड़, 72 लाख 13 हजार रुपये आई थी निर्माण पर लागत

-3 साल में पूरा हुआ था ट्रैक का कार्य

-950 पुल व दो सुरंगें हैं ट्रैक पर

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30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है रेलगाड़ी

पठानकोट-जोगेंद्रनगर ट्रैक में दो हिस्सों में यातायात चलता है। पहला पठानकोट से पपरोला और दूसरा पपरोला से जोगेंद्रनगर तक। पठानकोट से पपरोला तक सात ट्रेनें अप-डाउन चलती हैं जबकि पपरोला से जोगेंद्रनगर के बीच दिन में दो ट्रेनें अप-डाउन करती हैं। ट्रेन की रफ्तार सामान्य 30 किमी प्रति घंटा है।


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