वीआइपी पंचायत आइमा अब नगर निगम की बनेगी शोभा
नगर परिषद पालमपुर के नगर निगम बनने के बाद इसके आसपास की 14 पंचा
कुलदीप राणा, पालमपुर
नगर परिषद पालमपुर के नगर निगम बनने के बाद इसके आसपास की 14 पंचायतों का इसमें विलय हुआ है। इनमें से एक वीआइपी कहलाई जाने वाली आइमा भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान में यह पंचायत प्रदेश में मॉडल के रूप में उभरी थी। पंचायत स्तर पर प्रदेश में पहला कूड़ा संयंत्र स्थापित कर भी इसने मिसाल कायम की है। इसके लिए पंचायत को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुका है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आइमा को मॉडल पंचायत घोषित कर अन्य पंचायतों में भी स्वच्छता के लिए कार्य करने एवं कूड़ा संयंत्र स्थापित करने के लिए इसके प्रधान संजीव राणा को प्रदेश ग्रामीण विकास विभाग में राज्य समन्वयक तैनात किया है। वह अब प्रदेश की पंचायतों में भी कूड़ा संयंत्र स्थापित करवाने में सहयोग कर रहे हैं।
पालमपुर में स्थापित नगर परिषद के कूड़ा संयंत्र में विवाद के बाद ग्रामीणों द्वारा ताला जड़ने के बाद नगर निकाय में कूड़े की समस्या विकराल रूप लेने लगी थी। नगर परिषद ने आइमा पंचायत के सहयोग से कूड़ा संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई। पंचायत प्रधान संजीव राणा ने इसमें महत्वपूर्ण सहयोग दिया। 23 जनवरी 2016 को प्रधान पद संभालते ही उन्होंने पंचायत में घर-घर से कूड़ा एकत्र करना शुरू किया। हालांकि सुविधा के अभाव में पंचायत की खाली भूमि पर गड्ढे बनाकर इसे ठिकाने लगाने का निर्णय लिया। 2017 में संजीव को प्रधानमंत्री के दिल्ली में हुए स्वच्छता कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला। उन्होंने तभी से ही ठान लिया कि पंचायत में कूड़ा संयंत्र स्थापित कर नई मिसाल पेश करेंगे। कार्यक्रम में उन्हें कई तरह की मशीनें देखने को मिली, जिनकी सहायता से कूड़ा निष्पादन के साथ खाद व प्लास्टिक टाइल सहित अन्य सामग्री तैयार की जा सकती है।
प्रपोजल भेजा, सरकार ने दी अनुमति
इसके बाद उन्होंने प्रदेश सरकार को प्रपोजल भेजकर पैसे की मांग की। सरकार ने उनके इस सपने को पूरा करने के लिए अनुमति प्रदान कर दी। सरकार एवं स्थानीय नेताओं के सहयोग से 27 लाख रुपये से कचरा संयंत्र का कार्य शुरू हुआ। पंचायत ने 13 लाख रुपये की मशीन खरीद ली। नगर परिषद में भी कूड़े की विकराल समस्या को देख नगर परिषद अध्यक्ष राधा सूद ने भी पंचायत को पूरा सहयोग दिया। नगर परिषद व ग्रामीण विकास विभाग से मुहैया फंड से तीन माह में संयंत्र तैयार हो गया और उसने कार्य करना शुरू कर दिया। खाद व प्लास्टिक की टाइल बनाने का प्रावधान
आइटीआइ के निकट न्यूगल खड्ड के किनारे स्थापित कूड़ा संयंत्र में खाद और प्लास्टिक टाइल बनाने का कार्य भी शुरू हुआ। टाइल के लिए प्लास्टिक पूरा न होने पर इसे बंद कर प्लास्टिक के दाने बनाए जाते हैं। संयंत्र में स्थापित दो मशीनों में खाद व अन्य सामग्री बनाने का प्रावधान है। वहीं पैड व डाइपर को भी प्रदूषण रहित जलाने की सुविधा है। वैज्ञानिक ढंग से चल रहे पंचायत आइमा के कूड़ा संयंत्र का लाभ अब नगर निगम को भी होगा। लोग निवर्तमान प्रधान संजीव राणा के विकास की सोच को देखते हुए उन्हें नगर निगम में लाने का भी विचार कर रहे हैं। वर्तमान में पंचायत को कूड़ा संयंत्र चलाने के लिए जनता की उगाही के साथ नगर परिषद से प्रतिमाह 40 हजार रुपये योगदान हासिल हो रहा है।