पांच साल बाद भी दूर नहीं हुआ दर्द
संवाद सहयोगी धर्मशाला धर्मशाला शहर का कद बड़ा होने के बावजूद लोग सुविधाओं से वंचित है
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : धर्मशाला शहर का कद बड़ा होने के बावजूद लोग सुविधाओं से वंचित हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की पंचायतों को शहर में मर्ज हुए पांच साल बीत गए हैं, लेकिन अभी तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। हालात ये हैं कि इन क्षेत्रों में सुलभ शौचालयों की भी दरकार है। खनियारा, सिद्धपुर, सिद्धबाड़ी व दाड़ी में नगर निगम ने इस दिशा में अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।
वर्ष 2015 में शहर का दायरा बढ़ाकर नगर निगम बनाया था। कुछ पंचायतों को नगर निगम में मर्ज किया था और इसके बाद शहर के 17 वार्ड हो गए हैं। पुराने शहर में बने कुछ सुलभ शौचालयों की हालत दयनीय है और कुछ बंद पड़े हैं। कचहरी अड्डा में दो शौचालयों में से एक ही काम कर रहा है। धर्मगुरु दलाईलामा की शरणस्थली होने के कारण धर्मशाला में देश-विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं। पहले पर्यटक केवल मैक्लोडगंज भ्रमण पर ही जाते थे, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों की ओर रुख करने लगे हैं। ऐसे में मर्ज क्षेत्रों में सुलभ शौचालयों की ज्यादा जरूरत महसूस की जाने लगी है।
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जब पंचायतों को शहर में शामिल किया है तो सार्वजनिक शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिए। अभी पुराने शहर के ही कई स्थान ऐसे हैं, जहां शौचालय की जरूरत है। नगर निगम को प्रयास करने चाहिए।
-बलराम गर्ग धर्मशाला शहर के पुराने सार्वजनिक शौचालयों को दुरुस्त करने की आवश्यकता है। मर्ज क्षेत्रों में भी लोगों को सुविधाएं मुहैया करवाने की दिशा में नगर निगम को कदम उठाने चाहिए।
-हेमराज
शहर में कम से कम दो किलोमीटर की दूरी पर सार्वजनिक शौचालय होने चाहिए। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को होती है। खनियारा में भी सार्वजनिक शौचालय बनाया जाए।
-सचिन सिंह शहर में और सार्वजनिक सार्वजनिक शौचालयों की जरूरत है ताकि पर्यटकों को धर्मशाला पहुंचते परेशानी का सामना न करना पड़े। मर्ज क्षेत्रों में भी सुविधाएं मुहैया करवाई जानी चाहिए।
-संजीव गांधी, महासचिव होटल एवं रेस्तरां एसोसिएशन धर्मशाला धर्मशाला शहर में जहां जरूरत है, वहां सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि कुछ जगह जमीन की अड़चन आ रही है लेकिन इसे भी जल्द दूर कर दिया जाएगा।
-देवेंद्र जग्गी, महापौर नगर निगम धर्मशाला। पुराने शहर में पहले से ही सार्वजनिक शौचालय हैं। मर्ज क्षेत्रों में भी निर्माण की दिशा में कदम आगे बढ़ाए गए हैं।
-प्रदीप ठाकुर, आयुक्त नगर निगम धर्मशाला