परीक्षा का दौर, विभाग आत्मरक्षा की ओर
वार्षिक परीक्षाओं के समय के एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कूली छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा करके बच्चों को पढ़ाई की ओर ध्यान देने की बात कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर कांगड़ा के स्कूलों में इन दिनों आत्मरक्षा के गुर सीखाए जा रहे हैं। जबकि यह समय छात्रों को वार्षिक परीक्षाओं के लिए तैयार करने का है। वार्षिक परीक्षाओं के समय में इस तरह के गैर शैक्षणिक गतिविधियां शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही है। जिसका शिक्षक संघ पर स्पष्ट शब्दों में विरोध कर रहे हैं।
मुनीष गारिया, धर्मशाला
वार्षिक परीक्षा के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कूली बच्चों से परीक्षा पे चर्चा कर उन्हें पढ़ाई की ओर ध्यान देने की नसीहत दे रहे हैं, लेकिन इसके विपरीत जिला कांगड़ा के स्कूलों में इन दिनों आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। वास्तव में यह समय स्कूली बच्चों को वार्षिक परीक्षाओं के लिए तैयार करने का है। वार्षिक परीक्षाओं के दौर में गैरशैक्षणिक गतिविधियां करवाना शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रही हैं। इसका शिक्षक संघ भी विरोध कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार, 31 दिसंबर के बाद स्कूलों में किसी भी तरह की गैरशैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन नहीं किया जा सकता है यानी वार्षिक समारोह भी नहीं हो सकते हैं लेकिन हो रहा है इसके विपरीत। बड़ी बात यह है कि वार्षिक परीक्षाओं के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठवीं, दसवीं व जमा दो कक्षाओं की डेटशीट भी जारी कर दी है। 15 फरवरी से वार्षिक परीक्षाओं के प्रेक्टिकल शुरू होने हैं और शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा केंद्र भी स्थापित कर दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि स्कूलों में इन दिनों बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। इन दिनों स्कूलों में गैरशैक्षणिक गतिविधियां करवाना सही नहीं है। इस समय इनका क्या औचित्य है। दिखाने के लिए विभाग ने नियम तो बना दिए हैं, लेकिन इन पर अमल नहीं किया जा रहा है। सोचने की बात यह है कि नियम बनाने वाले ही ऐसे आयोजनों में भाग ले रहे हैं।
-अश्वनी भट्ट, संयोजक हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ। इन दिनों अगर विद्यार्थियों के मन से तनाव दूर करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाए तो इससे लाभ मिल सकता है। सालभर आत्मरक्षा के गुर सिखाने की याद नहीं आई। नियम बनाए हैं तो इन्हें पूरा भी करना चाहिए।
-राजेंद्र, महासचिव, लेक्चरर एसोसिएशन, कांगड़ा। विभाग को तय नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए और आयोजनों का समय पर वर्गीकरण होना चाहिए। वार्षिक समारोहों के लिए फरवरी के प्रथम सप्ताह तक का समय दिया है। स्कूलों को जल्द इस तरह के कार्यक्रम करवा लेने चाहिए।
-र¨वद्र कुमार, कोषाध्यक्ष, हेडमास्टर काडर संघ, कांगड़ा। निदेशालय के आदेश पर ही स्कूलों में आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। समय का वर्गीकरण इस तरह से किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
-केके शर्मा, उपनिदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, कांगड़ा