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2003 के बाद नियुक्त कर्मी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाए जाएं

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का सेमिनार रविवार को नगरोटा बगवां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल परिसर में संपन्न हुआ। सेमिनार में सर्वप्रथम पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सेमिनार में

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 06:50 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 06:50 PM (IST)
2003 के बाद नियुक्त कर्मी पुरानी 
पेंशन योजना के दायरे में लाए जाएं
2003 के बाद नियुक्त कर्मी पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाए जाएं

जागरण संवाददाता, नगरोटा बगवां : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने मांगें पूरी न होने पर चुनाव में सरकार को खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी है। हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने 2003 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की मांग की है। मांगों के समर्थन में हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ का सेमिनार रविवार को नगरोटा बगवां में हुआ। सेमिनार में सबसे पहले पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।

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प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कहा कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ की हड्डी के बराबर होते हैं। इसे तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारी कभी भी सरकार के विरोधी नहीं रहे हैं, लेकिन कुछ एक संगठन गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा 2010 में आर एंड एमपी रूल के तहत पंजाबी एवं उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। उन्होंने कहा पीरियड बेस से अनुबंध में कुछ एक शिक्षकों को शामिल किया गया है, लेकिन जो बचे हैं। उन्हें बिना शर्त अनुबंध में लाया जाए।

सेमिनार में प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरोज मेहता, महासचिव नरेश महाजन, सलाहकार नागेश्वर पठानिया, प्रेस सचिव संजय चौधरी, जिला कांगड़ा अध्यक्ष नरेश कुमार, पंजाबी एवं उर्दू यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष अनुराधा शर्मा, देवेंद्र ¨सह, कैलाश शर्मा, सुमन धीमान, सविता जग्गी मौजूद रहे।

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अध्यापक संघ की मांगें

-अध्यापकों के लिए सातवें वेतन आयोग में केंद्र की स्तुतियां लागू की जाएं।

-4-9-14 को लागू करते समय ग्रेड पे को न जोड़ा जाए।

-अनुबंध समयकाल तीन से घटाकर दो साल किया जाए।

-शिक्षकों को कॉडर विशेष में प्रथम नियुक्ति से वरिष्ठता लाभ दी जाएं।

-जेबीटी से टीजीटी पदोन्नति सूची शीघ्र जारी हो।

-कंप्यूटर शिक्षक जल्द किए जाएं नियमित।

-वोकेशनल अध्यापकों को शिक्षा विभाग में मर्ज किया जाए।

-सरकारी स्कूलों में नर्सरी एवं केजी की कक्षाओं के लिए नर्सरी ट्रेड टीचर नियुक्ति की जाएं।

-अध्यापकों के करीब रिक्त 10 हजार पदों पर भर्ती की जाए।

-स्कूलों में डीपी की नियुक्तियां की जाएं।


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