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शिक्षक मंच ने किया एनपीएस कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन

शिक्षक मंच ने एनपीएस कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 05:28 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 05:28 PM (IST)
शिक्षक मंच ने किया एनपीएस कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन
शिक्षक मंच ने किया एनपीएस कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : हिमाचल शिक्षक मंच भी एनपीएस (नई पेंशन योजना) कर्मचारी संघ के आंदोलन में कूद पड़ा है। शिक्षक मंच ने नई पेंशन योजना के विरोध में कर्मचारी संघ की हड़ताल का समर्थन किया है। एनपीएस कर्मचारी संघ ने 28 अक्टूबर को सांसदों के घरों के बाहर धरने व भूख हड़ताल का ऐलान किया है।

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मंच के प्रदेश संयोजक अश्वनी भट्ट, संजय मोगू, संजीव राणा, विजय शमशेर भंड़ारी, सुनील राजपूत व अमित शर्मा ने 2003 से बंद पुरानी पेंशन योजना की बहाली की केंद्र व राज्य सरकार से मांग की है। मंच के सदस्यों के अनुसार नई पेंशन योजना में खामियां हैं। इससे कर्मचारियों का भविष्य अधंकारमय हो जाएगा। पेंशन कर्मचारी का अधिकार है और सरकारें इससे अपना दामन नहीं झाड़ सकती। एनपीएस में कर्मचारियों को अपना ही पैसा सेवानिवृत्ति के बाद दो वर्ष तक नहीं मिल सकता। इसके बाद भी कर्मचारी के खाते में जो धनराशि होगी उसकी भी अधिकतम साठ प्रतिशत तक की राशि ही कर्मचारी निकाल सकेगा, जबकि उसकी 40 प्रतिशत राशि पर उसका अधिकार नहीं होगा। यह पैसा भी निजी कंपनियों द्वारा निवेशित किया जाएगा जिस पर बाजार के जोखिमों अनुसार प्राप्त ब्याज ही पेंशन के रूप में मिलेगा यानी कर्मचारी को अपने बुढ़ापे में निश्चित राशि की कोई गारंटी नहीं है। जबकि पहले पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप मे मिलता था। इस पर महंगाई भत्ता व समय समय व पेंशन वृद्धि भी मिलती थी, परंतु नई पेंशन योजना में कर्मचारी को किसी भी प्रकार की न्यूनतम पेंशन राशि की कोई भी गारंटी नहीं दी गई है।

मंच ने हैरानी जताई कि जिस पेंशन को कर्मचारियों के लिए बंद कर दिया गया है उसे सांसद व विधायक मजे से ले रहे हैं। नई पेंशन योजना इतनी ही बेहतर है तो सांसद व विधायकों के लिए भी इसे लागू क्यों नहीं किया जाता। मंच ने सभी सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से भी इस धरने को अपना समर्थन देने की मांग की है। मंच के सभी सदस्य व राज्य कार्यकारिणी के सभी संयोजक पालमपुर में प्रस्तावित धरने मे भाग लेंगे व इस मुहिम के समर्थन में अनशन में शामिल होंगे।


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