मंजूर नहीं शहरी एवं नगर नियोजन विभाग
नगर निगम धर्मशाला के साथ गलती पंचायतों के बाशिदों को टाउन एंड कंट्री प्लानिग (टीसीपी) मंजूर नहीं है। ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है कि अगर विभागीय कर्मचारियों को नक्शे पास करने के लिए यही रवैया रहने वाला है तो उन्हें टीसीपी से हटा दिया जाए।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नगर निगम धर्मशाला के साथ लगती पंचायतों केबाशिदों को टाउन एंड कंट्री प्लानिग (टीसीपी) यानी शहरी एवं नगर नियोजन विभाग मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर विभागीय कर्मचारियों का नक्शे पास करने के लिए यही रवैया रहा तो उन्हें टीसीपी से हटा दिया जाए। यह बात वीरवार को टीसीपी के दायरे में आने वाली पंचायतों के प्रतिनिधियों ने सब कमेटी सदस्य एवं वन मंत्री गोविद ठाकुर से कही।
पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि टीसीपी से भवनों के नक्शे पास करवाने में एक-एक साल लग जाता है। बाघनी की प्रधान ममता ने कहा कि पंचायत की 75 फीसद आबादी मजदूरी करती है। पंचायत का एक गांव ऐसा है, जिसमें रास्ता ही नहीं है। ऐसी पंचायत के गांवों को टीसीपी में डाल दिया है और लोगों को पहले ही जीवनयापन करना मुश्किल है। ग्रामीणों को घर या पशुशालाएं बनवाने के लिए भी नक्शे पास करवाने पड़ रहे हैं। उन्होंने पंचायत को टीसीपी से बाहर करने की मांग रखी।
रक्कड़ पंचायत से आए ग्रामीण ने बताया कि उन्हें एक साल से भवन निर्माण के लिए एनओसी नहीं मिल पाई है। जेई ने इंस्पेक्शन करने के लिए आने की बात कही थी, लेकिन वह नहीं आए। हालांकि विभाग का कहना था कि आवेदन आने पर दो माह के भीतर कार्रवाई की जाती है तथा सारा प्रोसेस ऑनलाइन है। सुधेड़ की प्रधान सपना देवी ने कहा कि पंचायत में सड़क नहीं है। पानी व सीवरेज की समस्या है, इसके बावजूद पंचायत के गांवों को टीसीपी में रखा गया है। सुधेड़ से आए महेंद्र पाल ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में लोग परेशान हैं। व्यापक सुविधाएं देने के बाद ही गांवों को टीसीपी से जोड़ा जाना चाहिए। सौकणी का दा कोट की प्रधान ममता ने कहा कि पंचायत के दो वार्डों को टीसीपी में डाला गया है, लेकिन अधिकतर ग्रामीण किसान व पशुपालक हैं। ग्रामीणों को पशुशाला निर्माण के लिए भी नक्शे पास करवाने पड़ रहे हैं। चांदमारी गांव से आए ग्रामीण ने बताया कि कोई बीमार हो जाए तो उसे सड़क तक लाने के लिए पालकी या धर्मशाला से कूली मंगवाना पड़ता है। रास्ते तक की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि बेहतर होता पहले सर्वे कर प्लानिग की जाती और उसके बाद टीसीपी में डालते।
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जो क्षेत्र टाउन एंड कंट्री प्लानिग में लिए गए हैं, उन पर चर्चा के लिए बैठक रखी थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कैबिनेट सब कमेटी बनाई है और इसका सदस्य होने के नाते सीएम ने मुझे कांगड़ा भेजा है। धर्मशाला में चार प्लानिग एरिया पर चर्चा हुई। कुछ पंचायतों के लोगों का कहना है कि इन गांवों को टीसीपी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इस बारे में लोगों के सुझाव लिए हैं और इस पर कैबिनेट सब-कमेटी बैठेगी और सीएम से चर्चा की जाएगी।
-गोविद ठाकुर, वन एवं परिवहन मंत्री
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टीसीपी में समय पर काम नहीं हो रहे हैं। समय सीमा निर्धारित होनी चाहिए। टीसीपी में यदि ई-मैपिग की सुविधा है तो लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाए, क्योंकि बिना जागरूकता के ही लोगों को समस्याएं आती हैं।
विशाल नैहरिया, विधायक, धर्मशाला।
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पालमपुर में मंत्री के सामने उठाए अधिकारियों पर सवाल
-पंचायतों को टीसीसी में शामिल करने का किया विरोध जागरण संवाददाता , पालमपुर : टीसीपी सब कमेटी के सदस्य गोविंद सिंह ठाकुर के समक्ष पंचायत प्रतिनिधियों ने शहरी एवं नगर नियोजन विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। हालांकिइन सवालों के बीच नगर परिषद पालमपुर की अध्यक्ष राधा सूद और नगर पंचायत बैजनाथ-पपरोला की पार्षद अनिता सूद ने कुछ पक्ष लेते हुए इनके लिए राहत प्रदान की पर अधिकांश जनप्रतिनिधियों के निशाने पर विभागीय अधिकारी रहे।
पालमपुर और बैजनाथ हलके के वह ग्रामीण क्षेत्र जिन्हें ग्राम एवं नगर नियोजन और साडा में शामिल किया गया है, उस संबंध में बुधवार को मंत्री गोविद ठाकुर आपत्तियां सुनने के लिए आए थे। इस दौरान एकमत से सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने टीसीपी में अपने क्षेत्रों को शामिल करने का विरोध किया। बैठक के दौरान यह बात भी प्रमुखता से उठाई गई कि पूर्व में जब भी कभी इन क्षेत्रों को टीसीपी में शामिल किया गया तो लोगों को जागरूक नहीं किया गया है। बैजनाथ के विधायक मुल्खराज प्रेमी ने इस बात का समर्थन करते हुए नगर पंचायत बैजनाथ-पपरोला के गठन पर सवालिया निशान लगाया। बीड़ से आए सतीश अबरोल, तृप्ता ठाकुर, कैप्टन रूपलाल ठाकुर, उपप्रधान बीड़ सुरेश ठाकुर व कैप्टन मोहर सिंह ने बीड़ बिलिग क्षेत्र में साडा को लगाने के बाद हो रही दिक्कतों को प्रमुखता से उठाया। बैजनाथ-पपरोला के पार्षद रमेश चंद, विनोद कुमार, छात्रा अनायता ने भी टीसीपी पर विचार रखे। गोविद ठाकुर ने अधिकारियों को आदेश दिए कि बीना देवी और रेखा गुलेरिया के मामलों को देखें और उनके कामों को किया जाए। इनके घरों में नलका लगना है लेकिन अनुमति न मिलने अभी तक यह सुविधा नहीं मिल पाई है। बैजनाथ-पपरोला के कल्याण सिंह ने बताया कि डेढ़ वर्ष से वह घर में नल लगाने के लिए विभागीय अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं। पालमपुर नगर परिषद के पार्षद सचिन वर्मा ने कहा कि पुराने मकानों को जब नया बनाना होता है तो उसमें दिक्कत आती है। इसके लिए कनेक्शन में रियायत दी जानी चाहिए। पंचायत घुग्घर के प्रधान ललित शर्मा ने बताया कि उनकी पंचायत में कूड़ा संयंत्र लग रहा है। सरकार ने लाखों की राशि दी है और दो भाइयों ने भूमि दान दी है पर टीसीपी से फाइल क्लीयर होने में उन्हें परेशानी उठानी पड़ रहीं है। बनघियार पंचायत के त्रिलोक राणा और खलेट की हेमलता ठाकुर ने कहा कि उन्हें यह जानकारी ही नहीं है कि कब उनकी पंचायत को टीसीपी में शामिल किया गया है। कहा कि पहले पंचायत को टीसीपी से बाहर कर दिया गया था और फिर इसे शामिल कर दिया गया। उनके पास जब लोग एनओसी के लिए आने लगे तो उन्हें इस संबंध में जानकारी मिली है। इस दौरान पंचायत लोहना से अंजना सोनी, होल्टा बनूरी के अजय कुमार, टांडा की कमलेश कुमारी, बंदला के विजय भट्ट, नगर परिषद पालमपुर की अध्यक्ष राधा सूद, नैण पंचायत के अमर सिंह, चंदपुर की चंद्रेश कुमारी, भवारना ब्लॉक की अध्यक्ष कमला कपूर ने नगर नियोजन विभाग पर विचार रखे।