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लंगर पर रोक के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी

प्रसाद मेडीकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में लंगर संचालन को मनाही के बाद धेनुम आश्रय सदनम ट्रस्ट तथा अस्पताल प्रशासन में अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। मामला हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री नगरोटा बगवां उपमण्डल के प्रशासनिक अधिकारी तथा टांडा अस्पताल के उपनिदेशक के संज्ञान में आ चुका है। इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मामले

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 10:52 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 10:52 PM (IST)
लंगर पर रोक के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
लंगर पर रोक के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी

संवाद सूत्र, कांगड़ा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा परिसर में धेनुम आश्रय सदनम ट्रस्ट के लंगर पर रोक के खिलाफ कई संस्थाएं उतर आई हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज को चेतावनी दी है कि अस्पताल परिसर से लंगर हटाया तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। समाजसेवी संजय शर्मा व ऊना जनहित मोर्चा ने धेनुम आश्रय सदनम ट्रस्ट के प्रयास की सराहना की है और अस्पताल प्रशासन को चेताया है कि लंगर बंद होने की स्थिति में टांडा में धरने पर बैठ जाएंगे।

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वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने टांडा मेडिकल कॉलेज प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। मंत्री ने ट्रस्ट के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि सभी तथ्यों को जानने के बाद ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। एसडीएम नगरोटा बगवां शशिपाल नेगी व उपनिदेशक टांडा ने मामले का संज्ञान लिया है।

शनिवार को धेनुम आश्रय सदनम का प्रतिनिधिमंडल टांडा मेडिकल कॉलेज के उपनिदेशक केएस राणा से मिला। उन्होंने अस्पताल परिसर में शनिवार को सायंकालीन लंगर लगाने की सहमति देते हुए कहा कि कॉलेज प्राचार्य तथा चिकित्सा अधीक्षक के साथ सोमवार को बैठक कर मामले को सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।

ट्रस्ट के अध्यक्ष अजय सहगल ने बताया कि सर्वजीत सिंह बॉबी की अध्यक्षता वाली संस्था आलमाइटी ब्लेसिग संस्था शिमला के कैंसर अस्पताल में सारा दिन का लंगर लगाती है। अन्नपूर्णा संस्था सिविल अस्पताल पालमपुर में, जनहित मोर्चा ऊना अस्पताल में लंगर लगाता है। इसके अलावा प्रदेश की कई अन्य सामाजिक संस्थाएं भी इस तरह के नेक कार्यों में जुटी हैं। अस्पताल के अंदर खाद्य पदार्थ परोसने के लिए लागू होने वाले खाद्य सुरक्षा अधिनियमों का अनुसरण करने के बावजूद ट्रस्ट द्वारा लंगर संचालन को लेकर अस्पताल प्रशासन का नकारात्मक रवैया आम जनता के लिए चर्चा का विषय बना है।

उधर, नगरोटा बगवां के एसडीएम शशिपाल नेगी का कहना है कि गरीबों के लिए लंगर का आयोजन सराहनीय कार्य है। अस्पताल परिसर में लंगर के आयोजन बाबत प्रधानाचार्य से विचार-विमर्श कर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

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अस्पताल प्रशासन ने रवैया नहीं बदला तो जाऊंगा कोर्ट : संजय शर्मा

लंगर पर रोक लगाने की खबर पढ़कर समाजसेवी संजय शर्मा शनिवार को टांडा मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने धेनुम आश्रय सदनम के संस्थापक समेत अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की। जनहित में आयोजित होने वाले लंगर संचालन बाबत उनका कहना है कि अगर टांडा अस्पताल प्रशासन का रवैया नहीं बदला तो वह कोर्ट का दरवाजा खटाएंगे। कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेकर धेनुम आश्रय सदनम के जरूरतमंद लोगों के लिए चलाए जाने वाले सामाजिक कार्यों के लिए हरसंभव सहयोग करेंगे। अगर फिर भी अस्पताल प्रशासन लंगर का समर्थन नहीं करेगा तो धरने पर बैठने से भी गुरेज नहीं करेंगे।

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ऊना जनहित मोर्चा करेगा प्रदर्शन

ऊना जनहित मोर्चा के चेयरमैन हरिओम गुप्ता, अध्यक्ष राजीव भनोट, महासचिव राजकुमार पठानिया, उपाध्यक्ष बलविदर कुमार गोल्डी, शिवकुमार सांभर, राजीव शर्मा ने कहा कि लंगर पर रोक टांडा मेडिकल कॉलेज का तानाशाहीपूर्ण आदेश है। सामाजिक संस्थाएं रोगियों की सेवा करने के लिए लंगर लगाती हैं। ऐसे लंगरों को बंद नहीं किया जाना चाहिए। इस प्रकार के आदेश मेडिकल प्रशासन को जारी नहीं करने चाहिए। जरूरत पड़ी तो ऊना जनहित मोर्चा टांडा आकर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेगा। स्वास्थ्य मंत्री को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। जिलाधीश कांगड़ा मामले पर संज्ञान लेकर ट्रस्ट की मदद करें।


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