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फूल को नहीं सह पाई पत्थर की गोद

बिना दूध के एक बच्ची डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में जन्मी। क्योंकि तीसरी संतान थी और बेटी थी, इसलिए उसे माता-पिता ने किसी को दे दिया।

By Edited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 03:02 AM (IST)
फूल को नहीं सह पाई पत्थर की गोद
फूल को नहीं सह पाई पत्थर की गोद

टांडा, तरसेम सैनी। पथराती मानवीय संवेदनाओं के हवाले से खबर यह है कि अब जिगर के टुकड़े भी इधर-उधर किए जा सकते हैं। बिना चेहरे पर शिकन लाए..दूध के लिए रोती बच्ची की आवाज को अनसुनी करके..सब जिम्मेदारियों को ताक पर रख कर..गरीबी का बहाना बना कर..। बिना दूध के एक बच्ची डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज में जन्मी। क्योंकि तीसरी संतान थी और बेटी थी, इसलिए उसे माता-पिता ने किसी को दे दिया। संसार की क्रूरता से बेखबर वह बच्ची आगे भी यानी तीसरे पक्ष को सौंप दी गई।

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मामला तब खुला जब जन्म प्रमाणपत्र पर पिता का नाम कोई और तथा प्रसव के लिए दाखिल करवाए जाते समय महिला के पति का नाम और निकला। जांच अस्पताल प्रबंधन ने भी की, लेकिन स्थिति ढाक के तीन पात वाली थी, नतीजतन किसी ने मामला गुड़िया हेल्पलाइन में भेज दिया। अब पुलिस छानबीन कर रही है। हुआ यूं कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा में जुलाई में जवाली की एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया।

उनकी पहले ही दो बेटियां थी तो उन्होंने तीसरी बच्ची को टांडा मेडिकल कॉलेज में ही कार्यरत एक कर्मचारी को बिना कोई कानूनी प्रक्रिया अपनाए दे दिया। कर्मचारी ने भी बच्ची को आगे रिश्तेदार को थमा दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब उक्त कर्मचारी का रिश्तेदार बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र लेने पहुंचा। उक्त व्यक्ति कथित मिलीभगत से जन्म प्रमाण पत्र लेने में कामयाब हो गया, परंतु अस्पताल में रिकॉर्ड ब्रांच में कार्यरत कर्मचारी के ध्यान में मामला आया तो वह इसे प्रशासनिक अधिकारी के ध्यान में आए। जांच के आदेश हुए पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। कुछ प्रगति होते न देख रिकॉर्ड ब्रांच के कर्मचारी ने शिकायत गुड़िया हेल्पलाइन पर कर दी। डीएसपी प्रोबेशनर अनिल कुमार वीरवार को टांडा पहुंचे। जांच के बाद गायब हुई बच्ची को मिल गई। पुलिस ने बच्ची के माता-पिता निवासी जवाली के खिलाफ आइपीसी की धारा 317 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

बच्ची का चेकअप भी कराया गया और फिलहाल उसे टांडा अस्पताल में रखा है। चाइल्ड वेलफेयर हेल्पलाइन के निदेशक रमेश मस्ताना ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कांगड़ा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी व चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई का आग्रह किया है। बच्ची का डीएनए टेस्ट भी कराया जाएगा कि कहीं उसे बदल तो नहीं गया। जिला चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के चेयरमैन हर्षवर्धन वैद्य का कहना है कि उन्हें बच्ची के बारे में जानकारी मिली है। इस मामले को एंटी ह्यूमन ट्रैफि¨कग यूनिट को अवगत कराएंगे व बच्ची के माता पिता को समन भेजकर बच्ची सहित चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा जाएगा।

 बच्ची मिल गई है। स्वास्थ्य जांच करवाने के बाद बच्ची फिलहाल टांडा अस्पताल में ही रखी गई है। इस संबंध में बच्ची के माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामले की छानबीन की जा रही है।

-पूर्ण चंद ठुकराल, डीएसपी कांगड़ा।


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