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उधार की फैकल्टी के सहारे एमसीआइ को साधने की तैयारी

जागरण संवाददाता, टांडा : प्रदेश में धड़ाधड़ मेडिकल कॉलेज तो खुल गए, लेकिन फैकल्टी क

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Oct 2018 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 02 Oct 2018 07:00 AM (IST)
उधार की फैकल्टी के सहारे एमसीआइ को साधने की तैयारी
उधार की फैकल्टी के सहारे एमसीआइ को साधने की तैयारी

जागरण संवाददाता, टांडा : प्रदेश में धड़ाधड़ मेडिकल कॉलेज तो खुल गए, लेकिन फैकल्टी की ओर न तो स्वास्थ्य विभाग और न ही सरकारों ने ध्यान दिया। अब भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) के दौरे के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज व आइजीएमसी शिमला से उधार की व्यवस्था की जाती है। नए खुले मेडिकल कॉलेजों में से किसी में भी एमसीआइ के आने की संभावना होती है तो फैकल्टी का तबादला कर दिया जाता है।

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पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चंबा व लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मंडी में एमसीआइ का दौरा संभावित है। इसके मद्देनजर करीब एक माह पहले ही टांडा मेडिकल कॉलेज व आइजीएमसी शिमला से फैकल्टी के तबादले कर दिए गए हैं। आइजीएमसी शिमला से 10 व टांडा मेडिकल कॉलेज से आठ फैकल्टी का तबादला किया गया। इस स्थिति में दोनों मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। टांडा से मंडी भेजे गए विशेषज्ञों में एनेस्थीसिया, मेडिसिन व माइक्रोबायोलॉजी विभाग से संबंधित हैं। जबकि चंबा भेजे गए विशेषज्ञों में एनेस्थीसिया व मेडिसिन विभाग के हैं।

टांडा मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के 104 पद खाली हैं। इस स्थिति में आठ और चिकित्सकों के तबादले से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है। एनेस्थीसिया विशेषज्ञों के तबादलों से सर्जरी विभाग का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। मरीजों को ऑपरेशन के लिए एक से डेढ़ माह की डेट दी जा रही है। मेडिसिन विभाग में भी स्थिति गंभीर है। यहां वैसे भी मरीजों की भीड़ रहती है, लेकिन विशेषज्ञों के तबादले से हालात और बिगड़ गए हैं।

उधर, बदले गए चिकित्सकों में भी सरकार के खिलाफ रोष बढ़ रहा है। नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रहने व खाने की भी सही व्यवस्था नहीं है। रेस्ट हाउसों में रातें गुजारनी पड़ रही हैं।

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एमसीआइ के दौरे के मद्देनजर कुछ चिकित्सकों के तबादले किए गए हैं। लोगों को समुचित स्वास्थ्य सेवाएं मिलें इसका ध्यान रखा जा रहा है। चिकित्सकों के खाली पद भरे जा रहे हैं। जल्द सभी स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सकों की कमी दूर हो जाएगी।

-विपिन परमार, स्वास्थ्य मंत्री।


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