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यह क्या डॉक्टर साहब 3500 के विटामिन सप्लीमेंट्स

डॉक्टरों को कमीशन का ऐसा चस्का लग गया है कि दवाओं के साथ-साथ मरीजों को अब विटामिन सप्लीमेंट्स लिखने पर जोर दे दिया है।

By Edited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 04:41 PM (IST)
यह क्या डॉक्टर साहब 3500 के विटामिन सप्लीमेंट्स
यह क्या डॉक्टर साहब 3500 के विटामिन सप्लीमेंट्स

टांडा, जेएनएन। सरकार कहती है मरीजों को जेनेरिक दवाएं लिखी जाएं, ताकि उन्हें सस्ता इलाज मुहैया हो। लेकिन कुछ चिकित्सक हैं कि बाज नहीं आ रहे। उन्हें कमीशन का ऐसा चस्का लग गया है कि दवाओं के साथ-साथ मरीजों को अब विटामिन सप्लीमेंट्स लिखने पर जोर दे दिया है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कांगड़ा स्थित टांडा के सुपर स्पेश्लिटी विंग में चेकअप करवाने आए एक बुजुर्ग मरीज को करीब 7000 रुपये की दवाएं लिख दी। वह केमिस्ट से दवाएं ले भी आए और डॉक्टर साहब को चेक भी करवा दी।

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मामले ने तूल तब पकड़ा जब चिकित्सा अधीक्षक की नजर इन दवाओं पर पड़ी। उन्होंने जब इन्हें जांचा तो इनमें 3500 की दवाएं थी और 3500 के विटामिन सप्लीमेंट्स। फिर संबंधित केमिस्ट को तलब किया गया। उन्होंने बताया कि फलां डॉक्टर की पर्ची ऐसी ही आती है और वही इस कंपनी के विटामिन सप्लीमेंट्स लिखते हैं। जब डॉक्टर साहब को तलब किया गया तो वह साफ मुकर गए। उनका कहना था पर्ची देखिए इस पर तो जेनेरिक दवाएं ही लिखी हैं। खैर, चिकित्सा अधीक्षक ने विटामिन सप्लीमेंट्स वापस करवाकर मरीज को 3500 रुपये दिला दिए। बताते हैं बुजुर्ग मरीज सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए हैं और अब वह इसकी शिकायत दर्ज करवाने पर अड़ गए हैं।

अब सवाल यह उठता है कि जब चिकित्सक ने पर्ची पर दवाएं नहीं ही लिखी थी तो केमिस्ट ने कैसे मरीज को थमा दीं? फिर एमएस के समक्ष केमिस्ट ने यह क्यों कहा कि संबंधित डॉक्टर ही इस कंपनी के विटामिन सप्लीमेंट्स लिखते हैं? बहरहाल अब गेंद अस्पताल प्रशासन के पाले में है कि वह इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है। ऐसे डॉक्टरों पर नकेल कसी जाएगी या फिर पहले की तरह शिकायत नहीं आई की तर्ज पर मामले को रफादफा कर दिया जाएगा।

मंत्री के सामने भी खुले थे डॉक्टर के कारनामे

टांडा मेडिकल कॉलेज में 22 जून को पत्रकार वार्ता में जब उक्त डॉक्टर के कारनामे स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार को बताए गए थे। पत्रकारों ने यह भी कहा था कि इन डॉक्टर की ओपीडी में मेडिकल रिप्रजेंटेटिव डेरा जमाए बैठे रहते हैं। केमिस्ट ओटी में घुसे रहते हैं। इस दौरान प्राचार्य और चिकित्सक अधीक्षक ने मंत्री को विश्वास दिलाया था कि अब ऐसा नहीं होता है। इस बात को अभी तीन दिन ही बीते हैं कि डॉक्टर साहब का नया कारनामा सामने आ गया है।

ऐसा मामला सोमवार को सामने आया है। डॉक्टर व केमिस्ट से पूछताछ की गई है। डॉक्टर ने पर्ची पर विटामिन सप्लीमेंट्स नहीं लिखे थे, 3500 रुपये के विटामिन सप्लीमेंट्स लौटाकर मरीज को पैसे दिला दिए हैं। लेकिन मरीज शिकायत करते हैं तो मामले की जांच की जाएगी।

-डॉ. गुरदर्शन गुप्ता, चिकित्सा अधीक्षक टांडा मेडिकल कॉलेज।


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