मैं मैदान में पहले भी था, अब भी रहूंगा : शांता
मैं पहले ही राजनीतिक के मैदान में था और मरते दम तक रहूंगा। लोकसभा के चुनावों में टिकट का फैसला हाईकमान ही करेगा, मैं अपनी इच्छा पहले जाहिर कर चुका हूं, लेकिन अंतिम निर्णय हाईकमान ही करेगा। यह बात कांगड़ा-चंबा के सांसद शांता कुमार ने अपने
संवाद सहयोगी, पालमपुर : मैं पहले से ही राजनीति के मैदान में था और मरते दम तक रहूंगा। लोकसभा चुनाव में टिकट का फैसला हाईकमान ही करेगा। मैं अपनी इच्छा पहले जाहिर कर चुका हूं, लेकिन अंतिम निर्णय हाईकमान ही करेगा। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के सांसद शांता कुमार बुधवार को पालमपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव को जीतकर जो बीज भाजपा ने बोया था उसका फल अब आगामी 2019 के चुनाव में मिलेगा। यही कारण है कि 2019 का लोकसभा चुनाव जीतना अनिवार्य है, ताकि भाजपा ने जो गरीबों और आम लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का सपना देखा था वह पूरा हो सके। आज देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार है। खुशी है कि पार्टी नेता सेवा भाव से लोगों के काम कर रहे हैं। दोनों सरकारें बेहतर काम कर रही हैं।
शांता कुमार ने अपने जन्मदिन पर लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, मुझे प्रसन्नता इस बात की है कि मैंने अपने 84 साल में किस तरह से जिया हूं। मैंने पहले भी लोगों की सेवा की है और अब भी यह चाहता हूं कि सक्रिय रूप से देश व प्रदेश के लोगों के काम आ सकूं। हंसते हुए बोले, मैं यह सोच रहा हूं कि मेरा एक वर्ष बढ़ा या कम हो गया, लेकिन जो भी हुआ मेरा सेवा भाव लोगों के लिए जस का तस रहेगा।
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मेरा कोई साथी इस समय साथ नहीं
शांता कुमार ने कहा कि मैं 19 वर्ष की आयु में राजनीति में आया। इस दौरान जेल भी गया। लेकिन आज उस समय का कोई साथी मेरे साथ इस दुनिया में नहीं है। 1953 में हिसार जेल में रहा तो उस समय में 20-25 साल से कम उम्र के युवा थे और इस समय उनमें से कोई दुनिया में नहीं है। उस समय हम यह सोचते थे कि जब भी हमारी सरकार आए तो हम देश का नक्शा बदलें। मैं उस समय का अंतिम व्यक्ति हूं। ठाकुर कुंज लाल मेरे अंतिम साथी थे।
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गरीबी बेरोजगारी दूर करने का सपना अभी अधूरा
शांता कुमार ने कहा कि हमारा सपना है कि इस देश की गरीब और बेरोजगारी दूर हो। लेकिन यह सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। प्रयास है कि प्रदेश व देश की सरकार इस सपने को पूरा करे, ताकि हर हाथ को काम मिल सके।