अनुबंध पीटीए शिक्षकों के भाग्य का फैसला 20 जुलाई को
पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के मामले मे चार सप्ताह में लिखित जवाब देने का आदेश।
धर्मशाला, जेएनएन। प्रदेश के स्कूलों में अनुबंध पर तैनात पीटीए शिक्षकों को नियमित करने के मामले मे प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने सरकार को चार सप्ताह में लिखित जवाब देने का आदेश दिया है। पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच के प्रदेशाध्यक्ष दिनेश पटियाल, महासचिव संजीव ठाकुर, मुख्य सलाहकार नरेंद्र शर्मा, कोषाध्यक्ष रविकांत शर्मा व संयोजक कासिम खान ने संयुक्त बयान में बताया कि ट्रिब्यूनल ने सरकार से पूछा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अध्यापकों के विरुद्ध सरकार के मामले को निरस्त कर दिया है तो शिक्षकों को नियमित क्यों नहीं किया जा रहा है।
दिनेश कुमार व अन्य बनाम सरकार (जिला हमीरपुर) कपिल शर्मा व अन्य बनाम सरकार (जिला शिमला), रवि कुमार व अन्य बनाम सरकार (जिला बिलासपुर), पुष्पा कुमारी बनाम सरकार (जिला चंबा), रमेश शर्मा व अन्य बनाम सरकार (जिला शिमला) ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता कुश शर्मा व पवन शर्मा के माध्यम से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में 22 मई को नियमितीकरण के लिए याचिकाएं दायर की हैं। इस पर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई के दौरान सरकार को सर्वोच्च न्यायालय के 13 फरवरी, 2017 को दिए गए अंतरिम आदेश अनुसार उपरोक्त याचिकाकर्ताओं के नियमितीकरण पर विचार करने के आदेश दिए हैं और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने पीटीए अध्यापकों के मामले को निरस्त कर दिया है तो शिक्षकों को नियमित क्यों नहीं किया जा सकता।
अब मामले की सुनवाई 20 जुलाई को होगी। प्रदेश में 5000 पीटीए शिक्षक अनुबंध आधार पर नियुक्त हैं। 1400 पीटीए शिक्षक अभी अनुबंध पर भी नहीं आ पाए हैं। हालांकि इन शिक्षकों को सरकार अनुबंध शिक्षकों के बराबर वेतन और अन्य सुविधाएं दे रही हैं। पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के आदेश के आधार पर प्रदेश सरकार से शिक्षकों के शीघ्र नियमितीकरण की मांग की है।