Move to Jagran APP

पौंग बांध विस्थापितों ने दी चेतावनी, मांगें न मानी तो लेंगे जल समाधि

पौंग विस्थापितों को 46 वर्ष बाद भी आवंटित भूमि नहीं मिल पाई हैं। राजस्थान में आवंटित भूमि को हासिल करने के लिए कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 12:46 PM (IST)
पौंग बांध विस्थापितों ने दी चेतावनी, मांगें न मानी तो लेंगे जल समाधि
पौंग बांध विस्थापितों ने दी चेतावनी, मांगें न मानी तो लेंगे जल समाधि

धर्मशाला, जेएनएन। पौंग बांध विस्थापितों को अब जमीन नहीं बल्कि आवंटित भूमि का मुआवजा चाहिए। साथ ही 46 वर्ष से हक की लड़ाई लड़ रहे विस्थापितों को उन फसलों का मुआवजा भी मिलना चाहिए, जिन्हें जमीन न मिलने के कारण वे बीज नहीं पाए हैं। अगर इन मांगों को नहीं माना तो विस्थापित पौंग झील में जल समाधि लेने के लिए मजबूर होंगे। विस्थापितों की दो पीढि़यां इंसाफ के इंतजार में ही खत्म हो गई हैं लेकिन अब तक हक नहीं मिल पाए हैं।

loksabha election banner

यह बात धर्मशाला में सोमवार को पौंग बांध विस्थापित संघर्ष समिति के मुख्य सलाहकार एवं देहरा के विधायक होशियार सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा, पौंग विस्थापितों को 46 वर्ष बाद भी आवंटित भूमि नहीं मिल पाई हैं। राजस्थान में आवंटित भूमि को हासिल करने के लिए कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। बकौल होशियार सिंह, जमीन आवंटन के लिए हाई पावर कमेटी की 23 बैठकें हो चुकी हैं लेकिन कोई भी फैसला नहीं हो सका है। कहा कि किसी भी सरकार ने पौंग विस्थापितों की समस्या को हल करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया है।

पौंग बांध निर्माण के लिए वर्ष 1972 में 24 हजार परिवार उजड़े थे जिनकी संख्या आज लाखों में हैं। उन्होंने कहा कि गंगानगर में जो जमीनें विस्थापितों को आवंटित भी हुई हैं वहां से डरा धमका कर लोगों को भगा दिया गया। बकौल होशियार सिंह,राजस्थान में पौंग विस्थापितों के लिए सुरक्षा नाम की कोई चीज नहीं है। आरोप लगाया कि पौंग बांध विस्थापितों की सहायता के लिए खर्च की जाने वाली राशि का भी दुरुपयोग किया गया है। कई ऐसे लोगों को भी मुरब्बे मिले थे, जिनके वे हकदार नहीं थे। पौंग बांध विस्थापित अब हक की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। अब विस्थापितों को गंगानगर में जमीन नहीं चाहिए बल्कि 46 वर्ष का मुआवजा मिलना चाहिए। पौंग विस्थापितों की रैली 24 जून को नगरोटा सूरियां में होगी। इस दिन पौंग किनारे कैंडल मार्च से जमीनों के लिए जान देने वालों को श्रद्धाजंलि भी दी जाएगी। इस मौके पर पौंग बांध विस्थापित संघर्ष समिति के अध्यक्ष हंसराज चौधरी सहित अन्य मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.