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शांता का रुख तय करेगा संसदीय क्षेत्र का चेहरा

लोकसभा चुनावों को लेकर शुरू हो चुके काउंटडाऊन को लेकर अब सियासी हलचल भी बढ़ने शुरू हो चुकी है। भले अभी संसद में लोकसभा का सत्र चला हुआ है, लेकिन इसी बीच प्रदेश के चारों लोकसभा के संसदीय क्षेत्रों के लिए प्रत्याशियों को लेकर भी पार्टी रणनीति बनाने की ओर अग्रसर है। पुरानों पर ही भरोसा जताया जाए या फिर नए चेहरे इस बार प्रदेश के चारों संसदीय क्षेत्रों में हों, इसके लिए भी दिल्ली में पार्टी की होने वाली कोर कमेटी की बैठक में इस बात को लेकर भी नजरें रहेंगी। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां

By JagranEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 07:28 PM (IST)
शांता का रुख तय करेगा  संसदीय क्षेत्र का चेहरा
शांता का रुख तय करेगा संसदीय क्षेत्र का चेहरा

दिनेश कटोच, धर्मशाला

loksabha election banner

लोकसभा चुनाव के लिए अब सियासी हलचल तेज हो चुकी है। भले ही अभी लोकसभा का सत्र जारी है, लेकिन प्रदेश के चारों लोकसभा क्षेत्रों से प्रत्याशियों के चयन के लिए पार्टी रणनीति बनाने में जुट गई है। पुरानों पर ही भरोसा जताया जाए या नए चेहरे इस बार हों, इसके लिए दिल्ली में होने वाली कोर कमेटी की बैठक पर सबकी नजरें रहेंगी।

कांगड़ा के सांसद शांता कुमार की चुनाव मैदान में उतरने के लिए कभी हां तो कभी न की स्थिति में फैसला पार्टी हाईकमान के पाले में है। अब शांता का रुख कांगड़ा से लोकसभा चुनाव में चेहरा भी तय करेगा। अगर उनके नाम पर पार्टी हाईकमान सहमति जताता है तो वह ही पार्टी का चेहरा होंगे। अभी तक शांता कुमार ने साफ तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ने से इन्कार नहीं किया है। पार्टी से भी अभी तक कोई नया चेहरा सामने नहीं है, जिसने दावेदारी जताई हो लेकिन अंदरखाते कुछ चेहरे ऐसे भी हैं जो कि टिकट पाने के लिए मुहिम छेड़े हुए हैं। धर्मशाला में आयोजित जन आभार रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शांता कुमार को मंच से तरजीह दे चुके हैं। अगर शांता को दोबारा मौका मिलता है तो टिकट के तलबगार नेताओं को भी ऐतराज नहीं होगा। कोर कमेटी की बैठक में शांता की बजाय अगर नया प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया जाता है तो नया चेहरा भी जिला कांगड़ा से ही होगा। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सबसे अधिक विधानसभा क्षेत्र जिला कांगड़ा में ही हैं। अगर शांता कुमार खुद चुनाव न लड़ें तो यह दारोमदार उन पर भी रहेगा कि नया चेहरा कौन होगा। यह हैं जातीय समीकरण

कांगड़ा जिला

अनुसूचित जाति 20

राजपूत 30

ओबीसी 26.4

ब्राह्माण 18

अनुसूचित जनजाति 5.6

..............

जिला चंबा

अनुसूचित जाति 21.5

अनुसूचित जनजाति- 26.1

अन्य 52.4

(आंकड़े प्रतिशत में)


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