चौथे दिन मिला मिग-21 विमान का ब्लैक बाक्स!
संवाद सहयोगी, फतेहपुर (कांगड़ा) : जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर की जखाड़ा पंचायत
By Edited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 11:22 AM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 06:09 PM (IST)
संवाद सहयोगी, फतेहपुर (कांगड़ा) : जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर की जखाड़ा पंचायत के झुलाड़ गांव में मिग 21 क्रैश होने के चौथे दिन भी वायुसेना के विशेषज्ञ साक्ष्य ढूंढ़ने में जुटे रहे। बताया जा रहा है कि मिग 21 से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य टीम को मिले है और इसमें ब्लैक बॉक्स मिलने की बात भी सामने आ रही है लेकिन संवेदनशील मामला होने के कारण कोई भी इस बाबत जानकारी देने के लिए तैयार नहीं है। कुछ लोगों की मानें तो कार्य में जुटे विशेषज्ञों को ब्लैक बॉक्स की तरह पार्ट मिला है लेकिन उसकी हालत बेहद खराब थी। ऐसे में इसकी जानकारी जांच के बाद ही मिल पाएगी। शनिवार को भी विशेषज्ञ जहां-जहां मिग-21 के पार्ट्स बिखरे पड़े थे, वहां जाकर उन्हें एकत्रित करते रहे। पूरे हादसे का मैप तैयार किया जा रहा है। चौथे दिन भी उस स्थल की खोदाई का कार्य शुरू नहीं हो पाया, जहां मिग 21 के क्रैश होने के बाद 15 फीट गड्ढा बना था। अभी तक मिग 21 के कुछ ही पार्ट्स मिल पाए हैं जिनमें इंजन शामिल है। अब सारी जांच ब्लैक बॉक्स पर ही टिकी हुई है। शनिवार को यहां पहुंचे एयर कमांडेंट अनुराग जोशी ने कहा कि हादसे के हर पहलू की बारीकी से जांच की जाएगी। ......................... क्या है ब्लैक बॉक्स या फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर ब्लैक बॉक्स या फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर वायुयान में उड़ान के दौरान विमान से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने वाला उपकरण होता है। आम तौर पर इस बॉक्स को सुरक्षा की दृष्टि से विमान के पिछले हिस्से में रखा जाता है। यह बॉक्स बहुत ही मजबूत मानी जाने वाली धातु टाइटेनियम का बना होता है और टाइटेनियम के ही बने डिब्बे में बंद होता है ताकि ऊंचाई से जमीन पर गिरने या समुद्री पानी में गिरने की स्थिति में भी इसे कम से कम नुकसान हो। .................... ब्लैक बॉक्स का इतिहास वर्ष 1953-54 में हवाई हादसों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विमान में एक ऐसे उपकरण लगाने की मांग की जाने लगी जो कि दुर्घटनाओं के कारणों की ठीक से जानकारी दे सके। इसके उपाय के रूप में ब्लैक बॉक्स का आविष्कार किया गया। शुरुआत में इसके लाल रंग के कारण इसे 'रेड एग' के नाम से पुकारा जाता था। शुरुआती दिनों में बॉक्स की भीतरी दीवार को काला रखा जाता था, शायद इसी कारण इसका नाम ब्लैक बॉक्स पड़ा।
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