डेंगू से बचाव के लिए एहतियात बरतें लोग
डेंगू से बचाव के लिए लोग एहतियात बरतें। यह सलाह जिला प्रशासन ने दी है।
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : बरसात के मौसम में कई बीमारियां पांव पसार लेती हैं। इसलिए बरसात में होने वाली बीमारियों से सावधान रहना चाहिए। इस मौसम में फैलने वाली एक बीमारी है डेंगू। डेंगू एक वायरस से होने बाली बीमारी का नाम है, जो एडीज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने पर विषाणु तेजी से मरीज के शरीर पर असर दिखाते हैं। इससे तेज बुखार और सिर दर्द होता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार या ब्रेक बोन बुखार भी कहा जाता है। डेंगू होने पर मरीज के खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटती है। इस कारण कई बार जान का जोखिम भी बन जाता है। डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को नहीं फैलता है। यह केवल मच्छर के काटने से ही होता है। गर्मी और बरसात के मौसम में यह बीमारी तेजी से पनपती है। डेंगू मच्छर हमेशा दिन में काटते हैं।
-------------
क्या हैं लक्षण
तेज ठंड और बुखार, कमर, मांसपेशियों, जोड़ों और सिर में दर्द, हल्की खांसी, गले में दर्द और खराश, शरीर पर लाल-लाल दाने, थकावट, भूख न लगना, कमजोरी, उल्टी और दस्त होना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे किसी भी लक्षण पर मरीज को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवा लेनी चाहिए। अगर किसी भी व्यक्ति को उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। डेंगू की जांच के लिए एनएस1 या एलाइजा टेस्ट किया जाता है। इसके आधार पर डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज को डेंगू हुआ है या नहीं।
-------------
डेंगू से कैसे करें बचाव
डेंगू एक मच्छर से होने वाली बीमारी का नाम है। अत: सभी को अपना बचाव मच्छर से करना है। डेंगू का घर एक जगह जमा साफ पानी है। इसलिए घर या आसपास पानी दो या तीन दिन से अधिक समय तक जमा न होने दें। कूलरों में मिट्टी के तेल का छिड़काव करें तथा घड़ों व बाल्टियों में जमा पानी को बदलते रहें। बुखार आने पर स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच जरूर करवाएं। बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं। इस मौसम में घरों की खिड़कियां बंद रखें व कूड़े के डिब्बे में कूड़ा जमा न होने दें।
---------------
डेंगू और अन्य जीवाणु व वायरस जनित रोगों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोग इससे बचाव के लिए एहतियात बरतें। जल स्रोतों को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करें और अपने आसपास के परिवेश में सफाई का विशेष ध्यान रखें। पानी की टंकियों, कूलरों, गमलों की समय-समय पर सफाई करते रहें।
-संदीप कुमार, उपायुक्त कांगड़ा।