हादसे के बाद भी हादसे का इंतजार
नूरपुर के चेली गांव में मलकवाल-ठेहड़ मार्ग की हालत अब भी वैसी ही है, जैसी दस दिन पहले तक थी। मार्ग में अब भी बड़े वाहनों और स्कूली बसों की आवाजाही जारी है।
नूरपुर, मुनीष दीक्षित। नूरपुर स्कूल बस हादसे केबाद भी लोक निर्माण विभाग शायद किसी और बड़े हादसे के इंतजार में है। आलम यह है कि एक साथ कई बच्चों की मौत का कारण बने ब्लैक स्पॉट को हादसे के 10 दिन बाद भी ठीक नहीं किया गया है। यहां न तो क्रैश बैरियर लग पाया है और न ही कोई अस्थायी प्रबंध किया गया है।
नूरपुर के चेली गांव में मलकवाल-ठेहड़ मार्ग की हालत अब भी वैसी ही है, जैसी दस दिन पहले तक थी। मार्ग में अब भी बड़े वाहनों और स्कूली बसों की आवाजाही जारी है। हादसे के स्थान को देखने के लिए कई लोग पहुंच रहे हैं लेकिन दो बड़े हादसों का कारण बन चुका ब्लैक स्पॉट अब भी वैसे ही हादसों को न्योता देने के लिए तैयार बैठा है जैसा कुछ दिन पहले तक था। इस मार्ग में आधे किलोमीटर के हिस्से में ही दो बड़े ब्लैक स्पॉट हैं। एक ब्लैक स्पॉट जहां हादसा हुआ था और दूसरा उससे कुछ किलोमीटर की दूरी पर आगे है।
लोक निर्माण विभाग ने चुस्ती दिखाते हुए हादसे के चंद घंटों बाद मिट्टी के सहारे ड्रम तो लगा दिए, लेकिन एक बड़े हादसे के बाद जागे विभाग की यह कार्यप्रणाली भी लोगों के गुस्से का शिकार हो गई। अब भी इस स्थान पर दो ब्लैक स्पॉट वैसे ही हैं। हादसे के बाद सरकार से लेकर प्रशासन ने बड़ी-बड़ी बातें तो की, लेकिन हकीकत में यह स्थान अब भी किसी हादसे के इंतजार में ही है।
इस ब्लैक स्पॉट सहित पूरे मार्ग को ही ठीक करवाया जा रहा है। जब तक अन्य स्थान से मार्ग का प्रबंध नहीं होता है, यहां सुरक्षा के इंतजाम करवाए जा रहे हैं। इसके लिए विभाग के नूरपुर केअधिकारियों को निर्देश दिए हैं। घटनास्थल के साथ बने मकान के मालिक से भी आग्रह किया है कि वह दीवार को अगर कुछ पीछे कर ले तो विभाग यहां नई दीवार भी बनवा देगा और सड़क भी सुरक्षित हो जाएगी।
-एसके गंजू, मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी, धर्मशाला क्षेत्र।
पूरे जिले में जहां भी ब्लैक स्पॉट हैं, इसे लेकर एचआरटीसी के चालकों से भी मदद मांगी गई है कि वे भी इन्हें बताएं। साथ ही आम लोग भी इसकी जानकारी विभाग को दें। शाहपुर क्षेत्र में ऐसे कुछ ब्लैक स्पॉट सामने लाए गए हैं और इन्हें तुरंत ठीक करवाया गया है। अगर कहीं ऐसे स्पॉट स्कूल बस चालक को भी दिखता है, वह तुरंत विभाग या मेरे ध्यान में ला सकता है।
-संदीप कुमार, उपायुक्त कांगड़ा।
गांवों में अब भी पसरा है सन्नाटा
दस दिन पहले जिन गांवों में खुशियों का माहौल था, वहां अब मरघट सा सन्नाटा है। इस पूरे इलाकेके तीन गांवों के 24 चिराग इस हादसे में बुझ गए हैं जबकि चार अन्य लोगों की भी मौत हुई है। ऐसे में जिन बच्चों के कारण गांवों में रौनक थी, वहां अब कुछ है तो हादसे के कारण पनपा सिसकियों का दौर।
अब खुल सकती हैं फाइलें
हादसे के बाद अब मलकवाल-ठेहड़ मार्ग में निर्माण कार्यों की कई फाइलें भी खुल सकती हैं। हादसे के लिए जिस सड़क को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है उसे सहारा देने के लिए हुए निर्माण कार्यों से लेकर डंगों पर भी सवाल उठने लगे हैं। यहां कई डंगे ऐसे लगाए गए हैं, जो अब सड़क का भी साथ छोड़कर ब्लैक स्पॉट में तबदील हो चुके हैं। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस मार्ग में कुछ कार्य फाइलों में भी हुए हैं। यह भी जांच का हिस्सा बन सकता है।
हरिद्वार भेजी दूसरी बस
बच्चों की अस्थियों को लेकर वीरवार को भी एकबस हरिद्वार के लिए भेजी गई। विधायक राकेश पठानिया ने इसकी व्यवस्था करवाई है। इसके अलावा कुछ बच्चों की रस्म क्रिया भी वीरवार को हुई। इस दौरान राकेश पठानिया पूरा दिन लोगों के बीच रहे। उन्होंने बताया कि यह एक त्रासदी है और वे लगातार लोगों के बीच रह रहे हैं।
गांव के लिए बनाई जा रही नई सड़क
सड़क का यह हिस्सा ही खतरनाक हो चुका है। ऐसे में इस हिस्सा को ही अब बंद करवा दिया जाएगा। गांव के लिए अलग से सड़क का निर्माण करवाया जा रहा है, जो खाई के किनारे से न होकर गांव के मध्य से जाएगा। इसके लिए औपचारिकता व गांव के लोगों से बातचीत शुरू हो चुकी है। लोनिवि को क्षेत्र की सभी सड़कों केब्लैक स्पॉट ठीक करने के कड़े निर्देश दिए हैं।
-राकेश पठानिया, विधायक, नूरपुर।