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उपमहापौर बनते ही नैहरिया भाजपा से निष्कासित

नगर निगम के नव निर्वाचित उपमहापौर ओंकार नैहरिया को भाजपा से निष्कासन का तोहफा उपमहापौर बनने के बाद मिला है। भाजपा मंडल धर्मशाला ने नैहरिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कसान पर अपनी मोहर लगाई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 07:20 PM (IST)
उपमहापौर बनते ही नैहरिया भाजपा से निष्कासित
उपमहापौर बनते ही नैहरिया भाजपा से निष्कासित

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : नगर निगम धर्मशाला के नवनिर्वाचित उपमहापौर ओंकार नैहरिया को भाजपा से निष्कासन का तोहफा मिला है। भाजपा मंडल धर्मशाला ने नैहरिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन पर मुहर लगाई है। निष्कासन का कारण मेयर व डिप्टी मेयर के लिए बिछी राजनीतिक बिसात बनी है।

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हालांकिनैहरिया भाजपा से ही उपमहापौर पद के प्रत्याशी थे, क्योंकि कांग्रेस ने भी प्रत्याशी खड़ा किया था। शह और मात की खेल में कांग्रेस की गुटबाजी के बीच पहले से ही कांग्रेस के अन्य पार्षदों के समर्थन से नैहरिया उपमहापौर बने थे। चुनाव में कांग्रेस की गुटबाजी भी खुलकर सामने आई थी तो नैहरिया कांग्रेस की नैया के सहारे अपनी कश्ती को किनारे तक ले आए और उन्होंने उपमहापौर का पद भी हासिल किया। परिणाम आने के बाद भाजपा को नैहरिया का उपमहापौर बनना नागवार लगा, इसलिए भाजपा के एसटी सेल व मीडिया प्रभारी ने साफ किया था कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की मांग उठाई थी। डिप्टी मेयर बनने के दूसरे ही दिन उन्हें भाजपा मंडल ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है। चुनाव में राजनीति तो पहले से ही हावी थी लेकिन इन दोनों ही पदों को पाने के लिए रणनीति काफी पहले से तय थी। हालांकि भाजपा के पास ज्यादा संख्या बल अपने पार्षदों का नहीं था लेकिन कांग्रेस को विशेषकर उपमहापौर पद के लिए अपने ही पार्षदों के बीच गुटबाजी का सामना करना पड़ा था और इसका परिणाम नैहरिया की जीत रही। अब नैहरिया भी निष्कासन के मामले को पार्टी हाईकमान के समक्ष उठाने के लिए तैयार हैं। भले ही अब नैहरिया को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया गया हो लेकिन चुनाव में जो राजनीति की बिसात कुछ पार्षदों ने बिछाई थी उसे वह पूरा करने में सफल भी हुए। चाहे इसका खामियाजा कांग्रेस को नगर निगम में अधिक संख्या होने के बावजूद उपमहापौर के प्रत्याशी को हराकर और भाजपा से संबंधित नैहरिया को जीत दिलवाकर चुकाना पड़ा है।

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'ओंकार नैहरिया कुछ वर्ष से पार्टी हित में कार्य न कर कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। इसका खामियाजा पार्टी को 2016 के नगर निगम व विधानसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ा था। उन्होंने पार्टी की जानकारियां कांग्रेस के साथ साझा की व पार्टी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव में कोई और नुकसान न हो, इसलिए नैहरिया की प्राथमिक सदस्यता रद की गई है।'

-कैप्टन रमेश अटवाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष धर्मशाला

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'तीसरी बार भाजपा से पार्षद बना हूं। नगर निगम के उपमहापौर चुनाव के दौरान मुझे भाजपा से समर्थन नहीं मिला। जहां तक निष्कासित करने का सवाल है तो इस मामले में पार्टी हाईकमान से बात की जाएगी। मंडल में कर्मठ व पुराने कार्यकर्ताओं को स्थान नहीं मिला है। जो पिछली बार पदाधिकारी थे, उन्हें ही दोबारा मंडल में शामिल किया गया है।'

ओंकार नैहरिया, उपमहापौर नगर निगम


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