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कागजों के ढेर पर ज्यादातर विकास योजनाएं

नगर निगम के महापौर व उपमहापौर का अढ़ाई वर्ष का ज्यादातर कार्यकाल कागजों के ढ़ेर तक ही सीमित रहा। कहने को तो नगर निगम में विकास की कई योजनाएं भी बनी लेकिन इनमें से अधिकतर को धरातल तक ले जाने की कोशिशें मूर्त रूप नहीं ले पाई। ऐसा नहीं है कि पिछले अढ़ाई वर्ष में महापौर

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 07:05 PM (IST)
कागजों के ढेर पर ज्यादातर विकास योजनाएं
कागजों के ढेर पर ज्यादातर विकास योजनाएं

दिनेश कटोच, धर्मशाला

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नगर निगम के महापौर व उप महापौर का अढ़ाई वर्ष का ज्यादातर कार्यकाल कागजों के ढेर तक ही सीमित रहा। कहने को तो नगर निगम में विकास की कई योजनाएं भी बनी लेकिन इनमें से अधिकतर को धरातल तक ले जाने की कोशिशें मूर्त रूप नहीं ले पाई। ऐसा नहीं है कि अढ़ाई वर्ष में महापौर व उप महापौर के कार्यकाल के दौरान कोई भी काम नहीं हुआ, स्मार्ट सिटी के साथ नगर निगम में कुछ योजनाओं को धरातल पर भी पहुंचाया गया लेकिन जो विकास की एक बड़ी तस्वीर लोगों को दिखाई गई थी वह खुलकर सामने नहीं आ पाई।

हालांकि महापौर रजनी व उप महापौर देवेंद्र जग्गी की मानें तो उनके कार्यकाल में कई ऐसी योजनाएं चलीं जिनका लाभ लोगों को आज भी मिल रहा है। नगर निगम के साथ-साथ स्मार्ट सिटी के निदेशक मंडल के सदस्य होने के नाते भी इन दोनों पदाधिकारियों ने स्मार्ट सिटी की योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए कदम तो उठाए लेकिन स्मार्ट सिटी को जो विकास के पंख लगने चाहिए थे, उनसे वह वंचित ही रहे। इसके पीछे दलील दी गई कि जब किसी योजना को स्मार्ट सिटी के अधिकारियों द्वारा समझा गया और उस पर काम शुरू करने की बात आई तो उस अधिकारी का तबादला हो गया।

नगर निगम के तहत विकास कार्यो की बात की जाए तो यहां पर निगम के दायरे में जोड़ी गई नौ पंचायतों में अभी तक सीवरेज की मूलभूत सुविधा ही लोगों को नहीं मिल पाई है। ऐसे ही इन क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था, पानी की उचित निकासी व स्ट्रीट लाइट की सुविधा तक उपलब्ध नहीं हो पाई है। इस पर नगर निगम के दायरे में शामिल पंचायतों के लोगों में रोष भी है। नगर निगम द्वारा मैक्लोडगंज व भागसूनाथ में मल्टी स्टोरी पार्किग की सुविधा देने की योजना भी प्रस्तावित थी लेकिन यह भी सिरे नहीं चढ़ पाई।

वहीं महापौर व उप महापौर के कार्यकाल में लगभग 22 करोड़ रुपये के विकास कार्य भी हुए हैं। इसमें विभिन्न वार्डो में कंकरीट के रास्ते, छोटी पार्किग, स्ट्रीट लाइट्स व अन्य कामों को गति प्रदान की गई।

अगर बतौर स्मार्ट सिटी के निदेशक मंडल सदस्य के नाते महापौर व उप महापौर की कार्यप्रणाली की हो तो उनके कार्यकाल में स्मार्ट क्लासरूम व सोलर प्लांट स्थापित करने को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी करवाई गई जिसका काम भी शीघ्र शुरू होने वाला है। स्थानीय स्तर पर एक बड़ी योजना इंडोर स्टेडियम बनाने की भी थी लेकिन जगह की उपलब्धता न होने के कारण यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। जबकि स्मार्ट सिटी के तहत कई अन्य बड़ी योजनाओं जैसे स्मार्ट रोड, स्मार्ट पॉथ, कमान सेंटर, इलेक्ट्रिक बसें सहित कई अन्य योजनाओं पर कोई भी काम तक नहीं हो पाया।

अब महापौर रजनी व उप महापौर देवेंद्र जग्गी का दावा है कि उनके अढ़ाई वर्ष के कार्यकाल में स्मार्ट सिटी सहित नगर निगम क्षेत्र में विकास के कई नए आयाम स्थापित किए गए। अगर उन्हें दोबारा मौका मिलता है तो अधूरे कामों को भी पूरा किया जाएगा।


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