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शहरी क्षेत्र में भाजपा आगे ग्रामीण में पिछड़ी

मतदान रहा था कम लेकिन जीत में आगे -शहरी जटेहड़ बूथ में भी स्थिति संभाली दिनेश कटोच धर्मशाला उपचुनाव में मतदान को लेकर भले ही शहरी क्षेत्र के लोगों ने अपना कम रूझान दिखाया हो लेकिन यह शहरी व उपरी क्षेत्र का मतदाता ही भाजपा के लिए खेवनहार भी बना। इससे इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसी शहरी वोटर ने भाजपा के पक्ष में मतदान कर विशाल की जीत को तय किया। ऐसा नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं हुआ लेकिन इन क्षेत्रों से कोई बड़ी लीड़ भाजपा नहीं ले पाई। इसका कारण यह भी रहा कि विधानसभा क्षेत्र के यह वह ग्रामीण क्षेत्र भी थे जो कि ओबीसी बहुल्य क्षेत्र थे और इस क्षेत्र के मतदाताओं ने विकास को नकारते हुए ओबीसी से निर्दलीय के रूप में खड़े राकेश चौधरी के पक्ष में मतदान कर

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 06:39 AM (IST)
शहरी क्षेत्र में भाजपा आगे ग्रामीण में पिछड़ी
शहरी क्षेत्र में भाजपा आगे ग्रामीण में पिछड़ी

दिनेश कटोच, धर्मशाला

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धर्मशाला उपचुनाव में मतदान करने में भले ही शहरी क्षेत्र के लोगों ने अपना कम रुझान दिखाया हो लेकिन यह शहरी व ऊपरी क्षेत्र के मतदाता ही भाजपा के लिए खेवनहार भी बने हैं। इससे इस बात का भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसी शहरी वोटर ने भाजपा के पक्ष में मतदान कर विशाल की जीत को सुनिश्चित किया। ऐसा नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं हुआ, लेकिन इन क्षेत्रों से कोई बड़ी लीड भाजपा नहीं ले पाई। इसका कारण यह भी रहा कि विधानसभा क्षेत्र के यह वह ग्रामीण क्षेत्र भी थे जो कि ओबीसी बाहुल्य थे और इस क्षेत्र के मतदाताओं ने विकास को नकारते हुए ओबीसी से निर्दलीय के रूप में खड़े राकेश चौधरी के पक्ष में मतदान कर भाजपा को नकारा और कांग्रेस के समीकरण को भी बिगाड़ा। लेकिन यह वह क्षेत्र भी थे, जहां भाजपा ने राकेश से होने वाले नुकसान को लेकर जिम्मेवारियां भी अपने वरिष्ठ नेताओं के कंधों पर डाली थी, जिसे बखूबी निभाया भी गया और जदरांगल से भाजपा को लीड भी दिलाई।

हालांकि मतदान के आंकड़ों को देखें तो पिछले वर्ष के विधानसभा चुनाव के मुकाबले में उपचुनाव में मतदान की प्रतिशतता भी कम रही और शहरी क्षेत्र एक बड़ा मतदान करने से भी पीछे रहा। लेकिन इसी शहरी क्षेत्र के मतदान की बदौलत भाजपा की लीड बढ़ती रही और वह जीत की ओर अग्रसर भी हुई।

विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान की स्थिति को देखें तो ओबीसी बाहुल्य इन पंचायतों में भाजपा की झोली कहीं खाली तो नहीं रही लेकिन कोई बड़ी लीड नहीं मिली, जबकि कांग्रेस का हाल यहां बुरा रहा।

नगर निगम के सकोह जटेहड़ बूथ के मतदान पर नजर दौड़ाएं तो यह शहर के साथ जुड़ा एक बड़ा क्षेत्र भी था। ओबीसी बाहुल्य होने के कारण यहां ओबीसी का पूरा जोर भी था। लेकिन जटेहड़ बूथ सहित घनियारा सहित ऊपरी क्षेत्रों अंदराड, कस्बा नरवाणा, कंड करडियाना, योल चतेहड़, बड़ोल में भाजपा आगे रही। जबकि विस के ग्रामीण व निचले क्षेत्रों में बड़ोई, सलांगड़ी, बल्ला व ढगवार में ही लीड मिल पाई। इनके इलावा निचले क्षेत्रों में ओबीसी से राकेश चौधरी की ही बढ़त रही।

कांग्रेस का हाल तो हर बूथ पर बेहाल रहा। कांग्रेस केवल कोतवाली बाजार के बूथ आठ पर ही आगे रही। चुनाव परिणाम के बाद भाजपा के बीच जश्न का माहौल रहा तो कांग्रेस व निर्दलीय अपने कार्यकर्ताओं के साथ इस चितन मंथन में भी रहे कि वह किन कारणों से वह पिछड़े।


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