सऊदी अरब में बंधक बनाया युवक
नगरोटा बगवां का रौंखर निवासी विजय कुमार पुत्र राम चंद साउदी अरब में फंस गया है। पिछले पांच साल से साउदी अरब की कंपनी ने विजय को बंधक बनाकर रखा हुआ है और घर वापस नहीं आने दे रही है। 32 वर्षीय विजय कुमार
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : नगरोटा बगवां हलके के तहत रौंखर निवासी युवक विजय कुमार को सऊदी अरब में कंपनी ने बंधक बना लिया है और उसे भारत नहीं भेज रही है। 32 वर्षीय विजय कुमार के बड़े भाई अजय कुमार ने सोमवार डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति से मुलाकात कर रिहाई के लिए गुहार लगाई है।
इस दौरान उन्होंने डीसी को सौंपे ज्ञापन में कहा, विजय कुमार आठ वर्ष पहले रोजगार के लिए सऊदी अरब की एक कंपनी में गया था और जेसीबी चालक था। कार्य के दौरान एक अन्य कर्मचारी की जेसीबी से गिरकर मौत हो गई थी। मारा गया कर्मचारी मूल रूप से बांग्लादेश का था लेकिन हादसे के लिएविजय को ही जिम्मेदार ठहराया गया। बकौल अजय, न्यायालय ने इसे हादसा करार देते हुए विजय कुमार को बरी कर दिया था। इसके बावजूद कंपनी ने उसे पांच वर्ष से बंधक बनाया है और भारत नहीं भेज रही है। अजय के अनुसार, विजय कुमार ने सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास के चक्कर लगाए और रिहाई के लिए गुहार भी लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि परिजन स्थानीय नेताओं के साथ-साथ मुख्यमंत्री से भी मामला उठा चुके हैं, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ है। परिवार में माता-पिता के अलावा बड़ा भाई अजय कुमार है।
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छोटा भाई विजय 2011 में रोजगार के लिए सऊदी अरब गया था। पिछले पांच साल से कंपनी ने उसे बंधक बना लिया है। मुख्यमंत्री से इस मामले में मिल चुके हैं और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब उपायुक्त कांगड़ा को ज्ञापन सौंप कर विजय की घर वापसी के लिए गुहार लगाई है।
-अजय कुमार, बंधक विजय का बड़ा भाई।
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मामला ध्यान में आया है और पीड़ित परिवार के सदस्य मिले हैं। मामले को केंद्र सरकार से उठाया जाएगा, ताकि सरकार अपने स्तर पर विजय कुमार की घर वापसी के लिए कदम उठा सके।
-राकेश प्रजापति, उपायुक्त कांगड़ा।
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अब तक बंधक बनाए गए युवक
इससे पहले नाईजीरिया में भी जिला कांगड़ा के तीन युवक बंधक बनाए जा चुके हैं। समलोटी के पंकज, पालमपुर के अजय तथा विकास खंड नगरोटा सूरियां की पंचायत सुकनाड़ा के सुशील धीमान को बंधक बनाया जा चुका है। तीनों ही युवक ग्रुप कैप्टन सुशील धीमान के नेतृत्व में समुद्री जहाज में 25 नवंबर, 2017 को मुंबई से नाईजीरिया गए थे और समुद्री लुटेरों ने उन्हें बंधक बना लिया था। परिजनों की मांग पर तत्कालीन विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के प्रयास से ही तीनों की रिहाई हो पाई थी।