जयसिंहपुर से देहरा तक ब्यास किनारे जाने से बनाएं दूरी
लारजी पनविद्युत प्रोजेक्ट के बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। बढ़े जलस्तर के चलते कांगड़ा मंडी व हमीरपुर के अलर्ट जारी किया है। अलर्ट के बीच भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) सचेत हो गया है वहीं जिला कांगड़ा में भी इसको लेकर तैयारियां हो चुकी हैं। हालांकि पौंग बांध में वीरवार तक कोई तक जलस्तर नहीं बढ़ा है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने बांध के आसपास आने वाले क्षेत्रों के लोगों को सचेत रहने को कहा है। जानकारी के मुताबिक ब्यास जलस्तर बढ़ने से पड़ोह डेम में ज्यादा प्रभाव होगा। कांगड़ा में ब्यास नदी मुख्य रूप से जयसिंहपुर से प्रवेश करती है। अगर जलस्तर जरूरत से ज्यादा होता है तो पानी जयसिंहपुर से लेकर देहरा के ब्यास किनारे में इसका ज्यादा प्रभाव होगा।
रमन कुमार, इंदौरा
लारजी पनविद्युत प्रोजेक्ट के बांध के गेट खोलने से ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने बढ़े जलस्तर को देखते हुए कांगड़ा, मंडी व हमीरपुर जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। अलर्ट के बीच भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) सचेत हो गया है। हालांकि पौंग बांध में वीरवार तक जलस्तर नहीं बढ़ा है, लेकिन प्रशासन ने बांध के आसपास क्षेत्रों के लोगों को सचेत किया है।
ब्यास का जलस्तर बढ़ने से पंडोह डैम में ज्यादा प्रभाव होगा। कांगड़ा जिले में ब्यास नदी मुख्य रूप से जयसिंहपुर से प्रवेश करती है। अगर जलस्तर जरूरत से ज्यादा होता है तो इसका प्रभाव जयसिंहपुर से देहरा तक ब्यास किनारों में ज्यादा रहेगा। उल्लेखनीय है कि अक्सर बरसात के मौसम के पौंग का जलस्तर बढ़ जाता है। बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ने से मंड व मियाणी क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होता है। कई बार तो मंड क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न हो जाता है।
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पौंग बांध का जलस्तर
-कुल क्षमता : 1339 फीट
-पानी बाहर निकालने की क्षमता : 15011 क्यूसिक मीटर
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पौंग का पानी बढ़ने से इन क्षेत्रों में होता है खतरा
तलवाड़ा, रियाली, मंड, मंड भादपुर, कोडुबेला, मंड सनौर, मंड इंदौरा, सुरड़वां, भोगर्वां, मंड मियाणी, काठगढ़, बडूखर व रे।
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ये मार्ग होते हैं प्रभावित
रियाली पुल, रियाल-भादपुर वाया कोडुबेला, हाजीपुर-रियाल मार्ग, पराल सड़क, रियाली-ठाकुरद्वारा, इंदौरा-पराल मार्ग।
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ब्यास किनारे बसे लोगों और वहां आने-जाने वालों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी है।
राकेश प्रजापति, डीसी कांगड़ा।
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बांध का जलस्तर बढ़ने से आसपास के कई गांवों में अक्सर प्रभाव रहता है और कई संपर्क मार्ग भी प्रभावित होते हैं। बांध का पानी किसी भी समय बढ़ सकता है, इसलिए कोई भी नदी के आसपास न जाएं।
गौरव महाजन, एसडीएम इंदौरा।