हालत सुधरी पर सुविधाओं की दरकार
समय: 11 से 12 बजे, दिन सोमवार, स्थान कोतवाली बाजार स्थित महात्मा गांधी स्मृति वाटिका। आलम यह था कि वाटिका की पहले से सफाई व्यवस्था दुरुस्त जरूर हुई है, लेकिन प्रतिमाओं की सफाई न होना अब भी जस का तस
संवाद सहयोगी, धर्मशाला : समय: 11 से 12 बजे, दिन मंगलवार, स्थान कोतवाली बाजार स्थित महात्मा गांधी स्मृति वाटिका। आलम यह था कि वाटिका की पहले से सफाई व्यवस्था दुरुस्त जरूर हुई है, लेकिन प्रतिमाओं की सफाई न होना अब भी जस का तस बना हुआ है। हालांकि बस स्टैंड का 100 मीटर से भी कम दूरी होने के कारण वाटिका स्थित चौक पर दिनभर यात्रियों की आवाजाही के साथ-साथ लोग अक्सर इस पार्क की ओर रुख करते हैं। इस दौरान वह खाने-पीने के लिए भी कुछ न कुछ जरूर साथ रखते हैं और खाने के बाद इधर-उधर ही फेंक देते हैं। हालांकि यहां पर कूड़ेदान भी स्थापित किए गए हैं लेकिन इनका प्रयोग कम ही लोग करते हैं। वहीं यह ऐसा स्थान है जहां पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है, जो कि मुख्य चौक होने के कारण सबसे ज्यादा जरूरी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर बनी इस स्मृति वाटिका का आलम यह है कि इसका दायरा भी बहुत कम होने के कारण भी लोग कुछ ही देर यहां रुकते हैं। यदि इसका विस्तार किया जाए और यहां पर कुछ आकर्षित करने वाली वस्तुओं का प्रावधान किया जाए तो यह स्थान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
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गांधी वाटिका में सफाई व्यवस्था तो पहले से दुरुस्त हुई है, लेकिन इसका विस्तार किया जाना आवश्यक है और इसमें बच्चों के मनोरंजन के लिए झूलों की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके अलावा यहां सबसे ज्यादा जरूरी है कि पीने के पानी की व्यवस्था हो।
-ओम राज गांधी चौक से बस स्टैंड या फिर नगर निगम कार्यालय तक एक स्थायी कर्मचारी की तैनाती यहां होनी चाहिए, जो साफ सफाई के अलावा यहां पर आने वाले लोगों को भी कूड़ा न फेंकने के साथ कूड़े कचरे को कूड़ेदान में फेंकने के लिए प्रेरित करे।
-विपिन चंद गांधी वाटिका में रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। धर्मशाला स्मार्ट सिटी के रूप में चयनित हुआ है और ऐसे में गांधी वाटिका को भी स्मार्ट वाटिका के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
-सोनाली गुलेरिया, धर्मशाला।